जांच किट के अभाव में काम ठप, मरीज हुए परेशान
सदर अस्पताल का ब्लड बैंक में आवश्यक जांच किट न होने के कारण कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। डोनर होने के बावजूद मरीजों को ब्लड नहीं मिला पा रहा है।
सिवान । सदर अस्पताल का ब्लड बैंक में आवश्यक जांच किट न होने के कारण कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। डोनर होने के बावजूद मरीजों को ब्लड नहीं मिला पा रहा है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। मिली जानकारी के अनुसार एचसीवी तथा एमपी/एमएफ किट पूरी तरह से नहीं है, जबकि शेष किट तीन से चार की ही संख्या में उपलब्ध है। आरएच जांच केमिकल भी खत्म हो चुका है। वहीं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्टेट ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर डॉ. एनके गुप्ता बुधवार को ब्लड बैंक का निरीक्षण करने के लिए आ रहे हैं। उनके आने के बाद उम्मीद है कि ब्लड बैंक को चालू करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था जरूर की जाएगी।
मिली जानकारी अनुसार सदर अस्पताल के ब्लड बैंक का भवन करीब 17 लाख रुपये की लागत से सदर अस्पताल के ओटी के पीछे रेडक्रास की निधि से निर्माण कराया गया था। इसी भवन के आधार पर ब्लड बैंक को लाइसेंस भी मिला था। लेकिन रेडक्रास का नया भवन बन जाने के बाद इसे नये भवन में सदर अस्पताल के बगल में स्थानांतरित कर दिया गया। जो लाइसेंस के नियम के विरुद्ध था। इसके बाद 2005 में तत्कालीन डीएम सीके अनिल के आदेश पर पुन: इसे सदर अस्पताल के उपरी मंजिल में शिफ्ट कर दिया गया। जगह परिवर्तन होने के कारण ड्रग्स कंट्रोलर द्वारा 2001 से लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। हालांकि प्रत्येक साल रेडक्रास द्वारा नवीनीकरण शुल्क जमा कर दिया जाता है। लाइसेंस फेल होने के कारण बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने रेडक्रास के सचिव सहित तमाम पदाधिकारियों को सूचित करते हुए लाइसेंस का नवीनीकरण या नए स्थान का फ्रेश लाइसेंस बनवाने की सलाह दी। विभाग के अधिकारियों ने जब ऐसा नहीं किया तो बिसेक ने जांच किट,ब्लड बैग सहित अन्य सामान की आपूर्ति करीब छह माह पहले से बंद कर दी। भारतीय रेडक्रास के सचिव रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि करीब छह माह पहले सभी पदाधिकारियों को सूचित कर दिया गया था कि किट एवं आवश्यक सामान की आपूर्ति बिसेक द्वारा नहीं किए जाने से कभी भी ब्लड बैंक का कार्य ठप हो सकता है। छह माह से बाजार से किट खरीद कर काम चलाया जा रहा था।