लक्ष्य से भटका स्वास्थ्य विभाग का परिवार नियोजन
परिवार नियोजन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश स्तर से लेकर जिले तक कई कार्यक्रम का समय समय पर आयोजन किया जाता है लेकिन अपने जिले में इसकी स्थिति ठीक नहीं है।
सिवान । परिवार नियोजन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश स्तर से लेकर जिले तक कई कार्यक्रम का समय समय पर आयोजन किया जाता है, लेकिन अपने जिले में इसकी स्थिति ठीक नहीं है। प्रोत्साहन राशि से लेकर कई अन्य लाभों का लोगों पर कोई प्रभावी असर नहीं हो रहा है। इस कारण जिले में स्वास्थ्य विभाग का परिवार नियोजन अपने लक्ष्य से भटक गया है। हालात तो यह है कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी लगातार कम होती जा रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो वित्तीय वर्ष अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 तक मात्र 55 पुरुषों ने ही सदर अस्पताल में नसबंदी कराया। जबकि 7833 महिलाओं की नसबंदी हुई, लेकिन जिले में 36 हजार 369 नसबंदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, ऐसे में लक्ष्य के अनुपात में स्वास्थ्य विभाग कितना सफल हो सका है, यह आंकड़े उसकी सफलता को बयां कर रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने बताया कि मार्च माह में कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने को ले घोषित लॉकडाउन के कारण मार्च माह से अबतक पुरुषों व महिलाओं की नसबंदी नहीं हो पाई है। ऐसे में लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाई है। बताया कि शनिवार से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका थीम कोरोना महामारी के दौर में महिलाओं व बालिकाओं की सेहत और अधिकारियों की सुरक्षा है।
दी जाती है प्रोत्साहन राशि :
लक्ष्य में विफल होने एक कारण जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता की कमी भी है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन की सुविधा उपलब्ध हैं। बता दें कि नसबंदी कराने पर प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने का प्रावधान है। महिला लाभार्थी को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी कराने पर तीन हजार और बाद में कराने पर दो हजार दी जाती है। वहीं पुरुष लाभार्थी को तीन हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार :
दंपतियों को परिवार नियोजन में विभिन्न साधनों की जानकारी दी जाती है। नसबंदी करने प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। लक्ष्य को पाने के लिए विभाग द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कोरोना के संक्रमण के कारण गर्भनिरोधक के विशिष्ट पद्धति का प्रयोग करने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा, सिविल सर्जन, सिवान।