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सिवान में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई सरयू में डुबकी

जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण काल में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कड़ाक की ठंड और शीतलहरी पर आस्था का विश्वास भारी पड़ता दिखा। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने दरौली रघुनाथपुर पतार गुठनी नरहन घाट सिसवन आदि सरयू घाटों पर सुबह स्नान कर पूजा अर्चना व दान पुण्य किए। मंदिरों में भी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:50 PM (IST)
सिवान में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई सरयू में डुबकी
सिवान में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई सरयू में डुबकी

सिवान । जिला मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण काल में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। कड़ाक की ठंड और शीतलहरी पर आस्था का विश्वास भारी पड़ता दिखा। इस मौके पर हजारों श्रद्धालुओं ने दरौली, रघुनाथपुर, पतार, गुठनी नरहन घाट, सिसवन आदि सरयू घाटों पर सुबह स्नान कर पूजा अर्चना व दान पुण्य किए। मंदिरों में भी पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। तेज हवा व ठंड में सुबह चार बजे से ही श्रद्धालु नदी में हर-हर गंगे, ऊं नम: शिवाय तथा जय श्री राम का उच्चारण करते कर डुबकी लगाते हुए देखे गए। भोर में स्नान करने वालों की भीड़ कम थी, लेकिन दिन चढ़ने के साथ ही स्नान करने वालों की भीड़ बढ़ती गई। डुबकी लगाने वालों में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े व जवान शामिल थे। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया। महिलाओं ने नदी के तटों पर फूल, धूप और दीप जलाकर मांग गंगा से परिवार के लोगों की मंगल कामन के साथ वैश्विक महामारी कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने मंदिरों में पहुंचे और तिल, चावल व अन्य सामग्री का दान भी किया। वहीं दूसरी ओर सभी घरों में परंपरा के अनुसार विशेष रूप से खिचड़ी बनाकर खाई गई। साथ हीं दही-चूड़ा व तिलकुट खाने-खिलाने का सिलसिला सुबह से शाम तक चलता रहा। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन दान करने से कई गुणा अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, दान करने पर पुण्य मिलता है। माना जाता है कि आज के दिन सूर्य नारायण दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर आते हैं। कहा जाता है कि आज से तिल-तिल कर दिन बढ़ने लगते हैं। आज के दिन जो भी दान किया जाता है, वह तिल के दाने से बड़ा महत्त्व पुण्य माना गया है। साथ ही तिल का दान करने से पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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घरों में हुई कुलदेवता की पूजा :

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में श्रद्धालुओं ने कुलदेवता की पूजा की। इस दौरान पुरोहितों द्वारा तिल, अरवा चावल, लाई, अदरक, गुड़ आदि पूजा सामग्री के साथ कुलदेवता की पूजा कराई गई। तत्पश्चात श्रद्धालुओं द्वारा ब्राह्मणों को भोजन करा पंचांग, वस्त्र एवं अन्य दक्षिणा देकर विदा किया गया। इसके बाद श्रद्धालु भी दही-चूड़ा, तिल आदि भोजन किए। इसके बाद दोपहर बाद श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी बनाकर ग्रहण किया गया। मैरवा के कविता निवासी महाकाल के उपासक पंडित नित्यानंद पांडेय ने बताया कि मकर संक्रांति को स्नान, कुलदेवता की पूजा एवं दान पुण्य करने से घर से दरिद्रता दूर होती है तथा सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गुरू और शुक्र के अस्त रहने के कारण नहीं शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम :

भगवान सूर्य के मकर रेखा में प्रवेश करने के साथ पिछले एक माह से चल रहा खरमास गुरुवार की दोपहर 2 बजकर 37 मिनट के बाद खत्म हो गया। हालांकि गुरू और शुक्र के अस्त रहने के कारण सभी मांगलिक कार्यक्रम शादी-विवाह, उपनयन संस्कार (जनेव), गृहप्रवेश समेत अन्य शुभ कार्य 22 अप्रैल के बाद से शुरू होगा।

बच्चों ने की जमकर पतंगबाजी :

जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में ठंड के बावजूद बच्चों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। ग्रामीण इलाकों में बच्चों ने जमकर पतंगबाजी की। आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ते हुए देखा गया। गांव के बाहर खाली पड़े मैदान या बाग बगीचों में बच्चों की टोलियां पतंग के साथ देखने को मिली।

पुलिस बल व एनडीआरएफ के जवान रहे तैनात :

सरयू व सिसवन घाट पर स्नान के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम के साथ पुलिस तैनात की तैनाती की गई थी। जो घाटों पर पैनी नजर बनाए हुए थे। गरीबों व असहायों के बीच किया गया कंबल का वितरण :

शहर के शेखर सिनेमा स्थित संतोषी माता मंदिर परिसर में गुरुवार को मकर संक्रांति के अवसर पर दुर्गा मंदिर प्रबंध समिति द्वारा गरीबों व असहायों के बीच कंबल व चूड़ा मिठा का वितरण किया गया। समिति के मुख्य संरक्षक प्रभुनाथ प्रसाद ने बताया कि विगत 35 वर्षों से मकर संक्रांति के अवसर पर गरीब व असहाय की सेवा की जा रही है। उन्होंने बताया कि शाम में श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का भी वितरण किया गया। डा. राजा प्रसाद ने कहा कि नर की सेवा ही नारायण की सेवा है। इसी सोच के साथ अनवरत दान पुण्य कर गरीबों व असहायों की सेवा की जाती रही है। मौके पर श्याम नांगलिया, संजय कुमार, मुकेश कुमार सिंह, पार्षद अनुराधा गुप्ता, पप्पू कुमार, भरत प्रसाद, बिट्टू कुमार, विक्की कुमार, विकास कुमार, मनोज कुमार, विश्वकर्मा प्रसाद, विक्रमा प्रसाद, मदन प्रसाद, विजय प्रसाद, सूरज प्रसाद, शत्रुघ्न प्रसाद, राजीव रंजन, समाजसेवी देवेंद्र गुप्ता समेत अन्य लोग मौजूद थे।


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