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आप कहेंगे नाम में क्या रखा है? जानिए ये दिलचस्प कहानी- जमानत किसी को बाहर आ गया कोई

सिवान जेल से एक कुख्यात कैदी को एक समान नाम होने का फायदा मिला और वह कैद से छूट गया। जिसे रिहा होना था वो जेल में ही रह गया। जानिए नेम गेम की यह दिलचस्‍प कहानी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 11:49 AM (IST)
आप कहेंगे नाम में क्या रखा है? जानिए ये दिलचस्प कहानी- जमानत किसी को बाहर आ गया कोई
आप कहेंगे नाम में क्या रखा है? जानिए ये दिलचस्प कहानी- जमानत किसी को बाहर आ गया कोई

सिवान [जेएनएन]। कहते हैं कि नाम में क्या रखा है, लेकिन ऐसी बात नहीं। नाम के कारण जेल से एक कुख्यात रिहा हो गया और जिसे रिहा होना था वह सलाखों के अंदर है। कोर्ट की तकनीकी खामी के कारण जिसे जेल के अंदर रहना चाहिए वह बाहर आ गया और जिसे बाहर होना चाहिए वह अभी भी अपनी रिहाई के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा है।
इधर, जिस अपराधी को जमानत मिली थी उसके वकील ने कहा कि ये कोर्ट की विभागीय गलती है, किसी ने जानबूझकर नहीं किया है। ये बस कलम से लिखते वक्त हो गई गलती है। इस बीच जेल से छूटे कैदी ने कोर्ट में समर्पण कर दिया है।  

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जानकारी के अनुसार, शनिवार को सीजेएम कोर्ट से एक रिलीज ऑर्डर जेल में बंदी गुल मोहम्मद के नाम का देर शाम भेजा गया, लेकिन रिलीज ऑर्डर में कोर्ट से जो जानकारी दी गई थी, वह दूसरे बंदी की थी। कस्टडी और रिलीज ऑर्डर का मिलान करने के बाद जेल के अधिकारियों ने गुल मोहम्मद को रविवार को रिहा कर दिया। गुल मोहम्म्द गुठनी थाना द्वारा 4/19 के तहत डकैती कांड में गिरफ्तार हुआ था और वह एक पेशेवर अपराधी है।

इसी नाम के दूसरे बंदी ने जब अपनी रिहाई की बात जेल के अधिकारियों के समक्ष रखी तो मामला उजागर हुआ और गलती की बात सामने आई। अब इसकी सूचना कोर्ट को दी गई और कोर्ट के निर्देश पर फरार गुल मोहम्मद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी करले लगी। इसके बाद उसने कोर्ट में आत्‍मसमर्पण कर दिया।
बता दें कि गुठनी थाना के कोहड़वलिया गांव निवासी राम सकल तिवारी के यहां डकैती की घटना हुई थी। इस मामले में दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें दोनों आरोपित का नाम गुल मोहम्मद है।
पहला आरोपित गुठनी के ओदीखोर गांव का रहने वाला है, जबकि दूसरा गुल मोहम्मद असांव थाना के सहसराव गांव का रहने वाला है। ओदिखोर निवासी गुल मोहम्मद ने जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी, जिसे अपर जिला न्यायाधीश तृतीय ने खारिज कर दिया और उसकी जमानत याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है।
इसी बीच सहसरांव के गुल मोहम्मद ने जमानत के लिए याचिका दाखिल की, जिस पर न्यायालय ने याचिका को मंजूर कर जमानत प्रदान कर दिया। जेल से निकलना सहसरांव के गुल मोहम्मद को था, लेकिन लापरवाही के कारण रिलीज ऑर्डर ओदीखोर निवासी गुल मोहम्मद के नाम निकल गया। रिलीज ऑर्डर और कस्टडी का मिलान करने के बाद जेल प्रशासन ने गुल मोहम्मद को रिहा कर दिया। 

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