पर्यावरण संरक्षण को मिला जीविका दीदियों का साथ
पौधे और मानव के बीच आदिकाल से गहरा रिश्ता रहा है। ये एक दूसरे के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इनके बीच बिगड़ते संतुलन का दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं।
सिवान । पौधे और मानव के बीच आदिकाल से गहरा रिश्ता रहा है। ये एक दूसरे के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। इनके बीच बिगड़ते संतुलन का दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। वर्तमान परि²श्य में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण की जरूरत महसूस की जा रही है। यही कारण है की मानसूनी बारिश के दौरान हर साल सरकारी तंत्रों, वन एवं पर्यावरण विभाग और समाजसेवियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण किया जाता है। इस बार इन्हें जीविका दीदियों का भी साथ मिला है। इस साथ से उम्मीदें बढ़ी हैं। कहा जा रहा है कि आधी आबादी का साथ पर्यावरण संरक्षण की कोशिशों में रंग दिखाएगा। जीविका दीदियों के माध्यम से मैरवा प्रखंड में नौ हजार पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा मनरेगा से 40 यूनिट पौधारोपण किए जाएंगे। विद्यालय परिसर में भी पौधारोपण के लिए सभी प्रधानाध्यापकों से कहा गया है। किस विद्यालय परिसर की क्या स्थिति है और वहां कितने पौधे लगाए जाने की संभावना इसकी जानकारी शिक्षा विभाग पहले ही जुटा चुका है। जीविका बीपीएम रवि प्रकाश कहते हैं कि मैरवा प्रखंड में 825 जीविका समूह हैं। इन सभी समूह के द्वारा करीब नौ हजार पौधे लगाया जाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी जीविका दीदी पौधारोपण करने के साथ इनकी सुरक्षा का भी ध्यान रखेंगी। उन्होंने कहा कि पौधारोपण के साथ-साथ पौधों की सुरक्षा ज्यादा अहम है। पौधारोपण के लिए गड्ढे तैयार किया जा रहा है। वहीं प्रखंड मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी का कहना है कि प्रखंड में मनरेगा के तहत 40 यूनिट पौधारोपण होगा। इस तरह मनरेगा से आठ हजार पौधे लगाए जाएंगे।