कब तक मरते रहेंगे लाइन मैन, अगस्त में भी हुई थी एक की मौत
सिवान । विभाग की गलती के कारण आम नागरिक एवं मवेशी तो मरते ही रहे हैं, अब लाइनमैन भी इस
सिवान । विभाग की गलती के कारण आम नागरिक एवं मवेशी तो मरते ही रहे हैं, अब लाइनमैन भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। शुक्रवार को शट डाउन लेने के बावजूद बिना पूछे आपूर्ति चालू कर दिए जाने से विभागीय लाइनमैन रामप्रवेश महतो की मौत हो गई। 20 दिन पहले भी इसी तरह से पचरूखी थाना के ही हरदिया गांव निवासी प्राइवेट बिजली मिस्त्री हजरत अली की भी मौत हो गई थी। हजरत अली भी शट डाउन लेकर खंभे पर चढ़कर लाइन की खराबी को दूर कर रहा था। इसी बीच बिना उससे पूछे आपूर्ति चालू हो गई थी। लिहाजा मौत हो गई।
हजरत अली के मामले में तो विभाग ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि वह उनका कर्मचारी ही नहीं था। अब जब रामप्रवेश के साथ भी उसी तरह की घटना हुई तो जांच की बात कहकर लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि विभाग की ही गलती का खामियाजा रघुनाथपुर थाना क्षेत्र की एक लड़की भुगत रही है। वह ¨जदगी भर के लिए दिव्यांग बन गई। पिछले माह ही वह धान की रोपाई करने जा रही थी। इसी दौरान खेत में टूटकर गिरे करंट प्रवाहित हाईटेंशन तार की चपेट में आ गई। उसे दिल्ली ले जाया गया। वहां उसका एक हाथ काटना पड़ा। इसके अलावा गुठनी में भी हाल ही में गिरे तार की ही चपेट में आने से खेत की ओर जा रहे एक किसान की मौत हुई थी।
शुक्रवार को विभागीय लापरवाही के कारण मौत का शिकार बने रामप्रवेश महतो नौतन थाना क्षेत्र के हीर मकरियार गांव का रहने वाला था। इसका घर वहां बदली मोड़ के पास है। घटना की सूचना मिलते ही घर सहित आसपास कोहराम मच गया। रोते-चिल्लाते परिजन सिवान आए। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर चले गए।
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मृतक की पत्नी को दिए 20 हजार
मृतक रामप्रवेश महतो की पत्नी ममता देवी को तात्कालिक सहायता के तौर पर विभाग की ओर से कार्यपालक अभियंता अजय कुमार रत्नाकर ने 20 हजार रुपये दिए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार आश्रित को नौकरी तथा अन्य सहायता भी दी जाएगी।
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पिता बनने के पहले ही हो गई रामप्रवेश की मौत
रामप्रवेश महतो की पत्नी ममता देवी गर्भवती हैं। लंबे इंतजार के बाद बच्चा होने वाला है। इसके लिए रामप्रवेश ने कई जगह मन्नत भी मांगी थी। बच्चे को लेकर उसने कई सपने संजोए थे, सब खत्म हो गए। पत्नी ममता देवी ने रोते हुए बताया कि पिता बनने को ले वे बहुत खुश थे। बोलते थे कि इसको पढ़ा-लिखाकर बहुत बड़ा आदमी बनाना है। अब इसकी जिम्मेदारी मैं संभालूंगी। उनके सपनों को जरूर पूरा करूंगी।
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विभागीय जांच में नहीं हुई शट डाउन की पुष्टि
कार्यपालक अभियंता अजय कुमार रत्नाकर ने बताया कि विभागीय जांच में शटडाउन की पुष्टि नहीं हुई है। लॉग बुक में इसका जिक्र नहीं है। घटना की एफआइआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस चाहे तो मोबाइल के काल डिटेल से इसकी जांच कर सकती है। उससे पता चल जाएगा कि उसने खंभा पर चढ़ने के पहले किस कर्मी से बात की थी। या नहीं की थी।