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सिवान के दरौली में कटाव रोकने के लिए डाले गए पचास हजार ईसी बैग

संसू गुठनी (सिवान)। सरयू नदी में हो रहे कटाव से जिले के गुठनी दरौली और सिसवन प्रखंड के दर्जनों गांवों के सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई स्थानों पर कटाव तेजी से हो रहा है जबकि दरौली के अमरपुर गांव के समीप करीब दो किलोमीटर कटाव होने से लोगों में दहशत का माहौल है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 10:01 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 10:01 PM (IST)
सिवान के दरौली में कटाव रोकने के लिए डाले गए पचास हजार ईसी बैग
सिवान के दरौली में कटाव रोकने के लिए डाले गए पचास हजार ईसी बैग

संसू, गुठनी (सिवान)। सरयू नदी में हो रहे कटाव से जिले के गुठनी, दरौली और सिसवन प्रखंड के दर्जनों गांवों के सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचा है। वहीं कई स्थानों पर कटाव तेजी से हो रहा है, जबकि दरौली के अमरपुर गांव के समीप करीब दो किलोमीटर कटाव होने से लोगों में दहशत का माहौल है। वहीं सरयू नदी द्वारा किए गए कटाव से दर्जनों घरों पर बाढ़ का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। बाढ़ विभाग के सीनियर जेई रत्नेश मिश्रा ने बताया कि अमरपुर और केवटलिया गांव के समीप सरयू नदी द्वारा किए गए कटाव को रोकने के लिए अभीतक 50 हजार ईसी बैग डाला गया है। वहीं 30 हजार बैग को भरकर रिजर्व रखा गया है, ताकि फिर से कटाव होने की स्थिति में उसको तत्काल काम में लगाया जा सके। उनका कहना है कि इस दौरान कटावरोधी कार्यों में अभी तक 200 मजदूरों को लगाया गया है। ग्रामीणों की मानें तो भले ही बाढ़ विभाग कटाव निरोधी कार्यों को तवज्जो दे रहा हो, लेकिन बाढ़ के समय कोई सुनने वाला नहीं मिलता है।

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कटाव निरोधी कार्य में तीन एसडीओ और चार जेईई को किया गया तैनात :

सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से जहां लोगों में दहशत है। वहीं गुठनी, दरौली और सिसवन इलाकों में बाढ़ विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य में तीन एसडीओ और चार जेईई को तैनात किया गया है। वहीं पदाधिकारियों द्वारा गुठनी के गोगरा तटबंध समेत सोनहुला, पुरैना, श्रीकलपुर, धर्मपुर, गोहरुआ, गुठनी, योगियाडीह, तिरबलुआ, ग्यासपुर, खड़ौली गांव के समीप नदी का गहनता से निरीक्षण किया जा रहा है। दरौली प्रखंड के अमरपुर, केवटलिया, नरौली, दुब्बा समेत सिसवन के गंगपुर में बाढ़ विभाग निगरानी रखी जा रही है।

कटाव स्थल पर हो रहा तेजी से काम :

बाढ़ विभाग द्वारा सरयू नदी में बढ़ते जलस्तर और कटाव को देखते हुए पूरी तैयारी की जा रही है। इसमे कटाव स्थल पर तेजी से काम, मजदूरों की अधिक संख्या, टारगेट को समय से पूरा करना, बालू भरी बोरियों को रिजर्व रखना, नदी के जलस्तर पर नजर रखना, लोगों से संपर्क करना और अधिकारियों को रिपोर्ट भेजना शामिल है। बाढ़ विभाग के सीनियर जेई रत्नेश मिश्रा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 30 हजार बोरियां भर कर रखी गई है, जिसका इस्तेमाल बाढ़ के समय त्वरित कार्रवाई के लिए किया जाता है।

तीरबलुआ गांव में 33 लाख से हुआ बाढ़ निरोधी कार्य पूरा :

प्रखंड के तीरबलुआ गांव में 33 लाख 29 हजार की लागत से बाढ़ निरोधी कार्य को बाढ़ विभाग द्वारा समय से पूर्व पूरा कर लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ विभाग द्वारा करीब 335 मीटर तक कटाव निरोधी कार्य किया गया। बाढ़ विभाग के एसडीओ चंद्रप्रकाश झा का कहना है कि वरीय अधिकारियों के मिले निर्देश पर तीरबलुआ के नजदीक विभाग द्वारा कटाव निरोधी कार्य को पूरा किया गया है। इसमें बांस की पाइलिग, एमसी बैग, बालू की बोरिया, जालीनुमा बैग बनाकर गांव को सुरक्षित किया गया। बतादें कि ग्रामीणों ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में की थी। ग्रामीणों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने बाढ़ विभाग के वरीय अधिकारियों को मामले की त्वरित निष्पादन करने का आदेश दिया था।

कार्यपालक पदाधिकारी नवल किशोर भारती ने बताया कि सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से बचाव कार्य थोड़ा बहुत प्रभावित हुआ है। इसमें सिसवन के समीप गंगपुर में काम को रोका गया है। इसके साथ ही पूरी टीम नजर रखी हुई है।


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