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भोजपुरी गाने पर ट्रेनी महिला सिपाहियों ने लगाया जोरदार ठुमका, Video Viral

बिहार के सीतामढ़ी जिले में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने पासिंग आउट परेड के बाद अपनी खुशी का इजहार करते हुए पासिंग आउट परेड के बाद भोजपुरी गाने पर जमकर ठुमका लगाया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 11 Dec 2019 01:47 PM (IST)Updated: Wed, 11 Dec 2019 10:08 PM (IST)
भोजपुरी गाने पर ट्रेनी महिला सिपाहियों ने लगाया जोरदार ठुमका, Video Viral
भोजपुरी गाने पर ट्रेनी महिला सिपाहियों ने लगाया जोरदार ठुमका, Video Viral

 सीतामढ़ी, जेएनएन। जिले के आरक्षी केंद्र सिमरा में आयोजित महिला कांस्टेबल की पासिंग आउट परेड के दौरान 459 ट्रेनी महिला सिपाहियों के लिए मंगलवार का दिन बहुत खास रहा। महिला सिपाहियों को आइजी गणेश कुमार ने शपथ दिलायी जिसके बाद ट्रेनी महिला सिपाहियों ने भोजपुरी गाने पर जोरदार डांस किया।

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इस डांस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक साथ 459 ट्रेनी महिला सिपाहियों ने जब फुल यूनिफॉर्म में डांस किया तो ट्रेनिंग पूरी करने की खुशी उनके चेहरे से साफ झलक रही थी। भोजपुरी गाने आजकल के लईकी के फेरा में ना पड़िह, आजकल के लईकी फैशनदार हो.... 

ट्रेनिंग पूरी करने वाली महिला सिपाहियों को शपथ दिलाने के बाद आइजी गणेश कुमार ने कहा कि आम जन में पुलिस की जो छवि बनती है, वह सिपाहियों और हवलदार से बनती है, क्योंकि उनकी संख्या अधिक है। सिपाही और हवलदार पुलिस महकमे की रीढ़ की हड्डी हैं। इनके बगैर कोई काम नहीं हो सकता है।

आइजी मंगलवार को आरक्षी केंद्र सिमरा में आयोजित महिला कांस्टेबल की पासिंग आउट परेड के अवसर पर समारोह को संबोधित कर रहे थे। आइजी ने समस्तीपुर, औरंगाबाद, बेगूसराय, मधेपुरा और बांका जिले के 459 प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल को संबोधित करते हुए कहा कि एक साल तक आपने यहां प्रशिक्षण लिया। इस दौरान कई चीजें सीखीं। अब यहां से आप नई शुरूआत करने के लिए तैयार हैं।

उन्हाेंने सभी प्रशिक्षु महिला कांस्टेबल को उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने इमानदारी, अनुशासन और सेवा भावना के साथ काम करने की सीख दी। कहा कि आपका का आचरण और आपका बर्ताव सिर्फ आपका नहीं, बल्कि पूरे पुलिस विभाग और सरकार की छवि को दर्शाता है। आप किसी भी पोस्ट पर हों, पुलिस की वर्दी पहनकर रोड या गांव में जाती हैं, वहां खुद को नहीं, बल्कि पूरे विभाग का प्रतिनिधत्व करती हैं।

आपका पब्लिक से जुड़ाव ज्यादा होता है। बहुत कम लोग हैं, जो एसपी व आइजी जैसे वरीय अधिकारी के पास पहुंच पाते हैं। आम जन में पुलिस के प्रति जो भावना बनती है, वह आपसे बनती है। अनुशासन, क्रियाशीलता, परिश्रम, कर्तव्यनिष्ठिता जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कहा कि पुलिस में भर्ती होना केवल नौकरी नहीं है। यह एक सेवा है। इसे सेवा के रूप में लें। आपमें यह भाव रहना चाहिए कि समाज की सेवा के लिए आए हैं। पुलिस का एक कांस्टेबल, केवल कांस्टेबल नहीं, बल्कि हमारा प्रतिनिधित्व कर रहा होता है। जब तक वरीय अधिकारी नहीं पहुंच जाएं आप निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। जीवन में सेवा और अनुशासन का महत्व है। इसका हमेशा पालन करें। 


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