कहां-कहां जल रहा अलाव, चेकिग में निकले डीएम तो गाड़ी से उतरकर लगे आग तापने
सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले में बुधवार को भी कोल्ड डे जैसी नौबत रही। भीषण शीतलहर का दौर जारी है। सूर्य नारायण के पूरे दिन दर्शन नहीं हो सके।
सीतामढ़ी। सीतामढ़ी जिले में बुधवार को भी कोल्ड डे जैसी नौबत रही। भीषण शीतलहर का दौर जारी है। सूर्य नारायण के पूरे दिन दर्शन नहीं हो सके। सुबह से शाम तक जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त रहा। सर्दी के सितम को देखते हुए जिलाधिकारी सुनील कुमार यादव शहर का जायजा लेने निकले। उन्होंने इस बात के दावे व हकीकत को चेक किया कि कहां-कहां अलाव जल रहे हैं और कहां ठंड से कंपकपाते मुसाफिरों को कंबल दिए जा रहे हैं। गाड़ी से घूमते हुए डीएम जगह-जगह उतर भी गए। कई जगहों पर अलाव ताप रहे लोगों से जाकर मिले। कुछ देर वहां खड़े रहकर खुद भी आग तापी। डीएम को अपने बीच पाकर लोग प्रसन्न हो उठे। कई जगह डीएम ने अपने हाथों जरूरतमंदों को कंबल ओढाया। इसके बाद डीएम ने अधिकारियों को कहा कि वैसी खुली जगह पर अलाव जलाए जाएं जहां उसका लाभ अधिक से अधिक लोग उठा सकें। इसी क्रम में उन्होंने नाहर चौक के पास पुल के दोनों तरफ अतिक्रमित दुकानों को अविलंब हटाने का सिटी मैनेजर को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को पूरी गंभीरता से अधिकारी लें।-----------------------------------
सुरसंड में ऑटो स्टैंड चालक व बस स्टैंड इंचार्ज ने अपने पैसे से जलवाया अलाव सुरसंड, संस : सुरसंड के डा. भीमराव आंबेडकर टावर चौक एनएच-104 पर ऑटो स्टैंड में ऑटो चालक व बस इंचार्य के सहयोग से मुसाफिरों के लिए अलाव का बंदोबस्त किया गया। आग देखकर ठंड से राहत के लिए मुसाफिर दौड़ने लगे। मेन रोड में अब्बास चिकेन व संजय साह के केला गद्दी के सहयोग से अलाव जलाकर मुसाफिरों को राहत पहुंचाई गई। सीएचसी के सामने एनएच 104 पर ऑटो चालकों ने अपने निजी सहयोग से लकड़ी का इंतजाम करके अलाव जलवाकर लोगों की जान बचाने में मदद की। वही प्रेमगली में युनुस बुचर अपने निजी खर्च से लकड़ी खरीदकर रोजाना अलाव जलवा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर ये लोग सुरसंड बाजार व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आनेजाने वालों की मदद में अलाव जलवाकर पुण्य कमा रहे हैं। जबकि, अंचलाधिकारी संजय कुमार व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी निशात अहमद को ठंड से कंपकंपाते लोगों की चिता नहीं दिखती है। डीएम सुनील कुमार यादव रात में घरों से निकलकर लोगों की सुधि ले रहे हैं जबकि, ये अधिकारी बेखबर-बेपरवाह बने हुए हैं।