जानकी प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में होगा संतों व विद्वानों का समागम
जगतजननी मां सीता की प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में 27 नवंबर को संतों व विद्वानों का समागम होगा। जिसमें वैदेही विमर्श के माध्यम से संत व विद्वान महाकुंभ में जगतजननी मां सीता के गुण शील और संस्कार पर प्रकाश डालते हुए समाज को अपनी सर्वश्रेष्ठ संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन का संदेश देंगे।
सीतामढ़ी । जगतजननी मां सीता की प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में 27 नवंबर को संतों व विद्वानों का समागम होगा। जिसमें वैदेही विमर्श के माध्यम से संत व विद्वान महाकुंभ में जगतजननी मां सीता के गुण, शील और संस्कार पर प्रकाश डालते हुए समाज को अपनी सर्वश्रेष्ठ संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन का संदेश देंगे। इसका आयोजन जनकनंदनी फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम 'वैदेही विमर्श' की तैयारी तेज हो गई है। कार्यक्रम के आयोजक तथा सामाजिक कार्यकर्ता अमित चौधरी उर्फ माधव चौधरी ने पुनौराधाम में तैयारी की बैठक के बाद कहा कि वैदेही विमर्श के माध्यम से जगतजननी जानकी सीता का महत्व संसार के जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से देश के मूर्धन्य विद्वान संत भारतीय संस्कृति मर्मज्ञ जुटेंगे। देश नवोदित नवगीत के प्रणेता साहित्य शिल्पी डा. संजय पंकज के मंच संचालन में मुख्य अतिथि सांसद तथा विदेश मंत्रालय के भारतीय संस्कृति के संबंध समिति अध्यक्ष डा. विनय सहस्त्रबुद्धे होंगे। इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सह विधान पार्षद डा. संजय पासवान, सांसद अजय निषाद, राज्य सभा सदस्य सतीश चंद्र दुबे, सांसद सुनील कुमार पिटू, विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल, डा.रश्मि वर्मा, पूर्व विधायक श्रीप्रकाश राय, संस्कार भारती द बिहार कार्यकारी अध्यक्ष आनंद प्रकाश नारायण सिंह तथा उत्तर बिहार प्रांतीय अध्यक्ष संजीव वर्मा का संबोधन होगा। वैदेही विमर्श के दूसरे सत्र में देश की प्रसिद्ध गायिका डा. रंजना झा के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी। मंच के स्वागताध्यक्ष स्थानीय विधायक डा. मिथिलेश कुमार, विषय प्रवेश अमिय भूषण तथा धन्यवाद ज्ञापन कृष्ण मोहन झा करेंगे। सांस्कृतिक महाकुंभ के दौरान विशेषरूप से कुंवर अमरेंद्र टिकारी अमावा राज परिवार मौजूद रहेंगे। इस सांस्कृतिक महाकुंभ को लेकर पुनौराधाम को सजाने संवारने का कार्य प्रारंभ हो गया है।