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फुलवरियाघाट पर उम्मीदों का पुल अब 24 तक, तेरह का बाद दोबारा हुआ भूमि पूजन

सीतामढ़ी। जिले के बैरगनिया प्रखंड को लालबकेया नदी के रास्ते पूर्वी चंपारण से सीधा जोड़नेवाला फुलवरिया घाट पर उम्मीदों का पुल मकर संक्रांति के बाद फिर सुर्खियो में है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 12:19 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 12:19 AM (IST)
फुलवरियाघाट पर उम्मीदों का पुल अब 24 तक, तेरह का बाद दोबारा हुआ भूमि पूजन
फुलवरियाघाट पर उम्मीदों का पुल अब 24 तक, तेरह का बाद दोबारा हुआ भूमि पूजन

सीतामढ़ी। जिले के बैरगनिया प्रखंड को लालबकेया नदी के रास्ते पूर्वी चंपारण से सीधा जोड़नेवाला फुलवरिया घाट पर उम्मीदों का पुल मकर संक्रांति के बाद फिर सुर्खियो में है। खरमास बीता तो इस पुल के निर्माण पर लगा ग्रहण भी मानों छंट गया हो। साल 2013 में न जाने किस मुहूर्त में पुल निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ कि पुल आधा बनने के बाद भी पूरा नहीं हो सका और योजना पर ग्रहण लग गया। सोमवार को बड़े तामझाम के साथ दोबारा भूमि पूजन हुआ और जनप्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि 2024 तक यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। स्थानीय सांसद रमा देवी, ढाका विधायक पवन जायसवाल एवं रीगा विधायक मोतीलाल प्रसाद ने मिलकर भूमि पूजन किया। इन्हीं लोगों ने 03 फरवरी, 2013 को भूमि पूजन किया था। बैरगनिया प्रखंड प्रमुख के प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भाई भूषण बिहारी, ढाका प्रखंड के पूर्व प्रमुख मनोज जायसवाल, सांसद प्रतिनिधि संजय जायसवाल, भाजपा नेता दीपलाल बघेला, रामअशीष राय, रौशन सहनी, रंजन जायसवाल, भाजपा नगर अध्यक्ष प्रिस कुमार, सर्वजीत पूर्वे, मुखिया अजीत साह, हरेंद्र राम, नागेंद्र साह भूमि पूजन के साक्षी बने।

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73 करोड़ का पुल अब बढ़कर हो गया लगभग दोगुने का

क्लासिक इंडिकॉम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इस सड़क पुल को बनाएगी। इस पुल को बनाने में 143 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस सड़क पुल की लंबाई 40 मीटर एवं चौड़ाई 12 मीटर होगी। पहले यह सड़क पुल मात्र 73 करोड़ की लागत से बनने वाला था मगर, निर्माण कार्य में विलंब होने के चलते लागत खर्च बढ़कर 143 करोड़ हो गया है।

----------------------------- ढाका विधायक की दलील-हाईकोर्ट चले गए थे कुछ लोग इसीलिए अटका काम

फुलवरिया घाट पर भूमि पूजन के दौरान शिवहर सांसद रमा देवी ने कहा कि अब सारी विघ्न-बाधा दूर हो गई है। यह सड़क पुल वर्ष 2024 में निश्चित ही बनकर तैयार हो जाएगा। ढाका के भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि यह सड़क भारत-नेपाल सीमा सड़क योजना के तहत फुलवरिया घाट से सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज के बहेरा गांव तक 24.5 किलोमीटर तक बननी है। विधायक ने यह भी बताया कि ढा़का क्षेत्र के ही कुछ मुखिया एवं मुखिया प्रतिनिधियों ने पुल निर्माण मामले में अड़ंगा डाल दिया था और इसको लेकर हाईकोर्ट चले गए थे। जिसके कारण वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक के बीच में निर्माण कार्य बिल्कुल रुका रहा। उन्होंने कहा कि इस पुल के बाद गुआवारी के सामने भी सड़क पुल का निर्माण होगा। रीगा विधायक मोतीलाल प्रसाद ने कहा कि फुलवरिया घाट पर सड़क पुल का निर्माण हो जाने से सीतामढ़ी एवं पूर्वी चंपारण जिले के लोगों के लिए आवागमन सुलभ हो जाएगा। इस सड़क पुल की मांग को लेकर वंशी चाचा ने आत्मदाह कर लिया था। अब उनका सपना साकार होनेवाला है।

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कितनी जानें ले चुका यह पुल, आठ साल सोते रहे जनप्रतिनिधि

इस पुल का निर्माण 24 जनवरी, 2013 में आरंभ हुआ मगर अब तक अधर में लटका हुआ है। पुल नही बनने के कारण लोग नाव से पार होते हैं। इसी क्रम में 2010 में इस घाट पर बड़ा नाव हादसा हो गया था जिसमें करीब दर्जन भर लोगों की मौत हो गई थी। फुलवरिया घाट पर पुल निर्माण का मुद्दा शिवहर लोकसभा, रीगा व ढाका विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से छाया रहता है। इस घाट पर सड़क व पुल के लिए ही बैरगनिया के स्वतंत्रता सेनानी वंशी चाचा 1997 में बैरगनिया के पटेल चौक पर आत्मदाह कर लिया।


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