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स्वच्छता की मुहिम का सीतामढ़ी विधायक ने उठाया बीड़ा, आज डुमरा के परसौनी में सफाई अभियान

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जगत जननी मां जानकी की भूमि के पिछड़ने से नगर विधायक डा. मिथिलेश कुमार काफी आहत हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे और स्वच्छता की मुहिम चलाने का उन्होंने संकल्प जताया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 12:44 AM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 12:44 AM (IST)
स्वच्छता की मुहिम का सीतामढ़ी विधायक ने उठाया बीड़ा, आज डुमरा के परसौनी में सफाई अभियान
स्वच्छता की मुहिम का सीतामढ़ी विधायक ने उठाया बीड़ा, आज डुमरा के परसौनी में सफाई अभियान

सीतामढ़ी । स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जगत जननी मां जानकी की भूमि के पिछड़ने से नगर विधायक डा. मिथिलेश कुमार काफी आहत हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण कार्यालय पहुंचे और स्वच्छता की मुहिम चलाने का उन्होंने संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह डुमरा प्रखंड के परसौनी गांव में स्वच्छता अभियान का श्रीगणेश करेंगे। वहां लोगों के साथ मिलकर आसपास में सफाई की जाएगी तथा इसके लिए जागरूक भी किया जाएगा। विधायक ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर के पिछड़ने का प्रमुख कारण ये भी है कि यहां के नागरिकों में स्वच्छता की आदत नहीं आई है। दूसरे शहरों में नागरिकों को स्वच्छता के लिए तैयार करने और शिक्षित करने का सबसे महत्वपूर्ण काम किया गया। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, स्थानीय संगठनों की मदद ली गई। इससे लोगों को नया सिस्टम समझने में आसानी हुई। स्वच्छता के सर्वेक्षण के परिणाम से हर कोई मायूस होगा। सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए बेशक सरकारी प्रयास किए गए होंगे मगर उन प्रयासों को उस तरह से अंजाम नहीं दिया गया होगा जिस तरह दूसरे शहरों में दिया गया। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर का उदाहरण देख लीजिए वह पिछले पांच वर्षों से सिरमौर बना हुआ है। निगम के कूड़ेदान हो गए जमींदोज, करोड़ों रुपये पानी में

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स्वच्छ सर्वेक्षण के तय मानकों में सर्विस लेवल प्रोसेस प्रमुख घटक हैं। यानी शहर को साफ रखने क्या इंतजाम किए जा रहे हैं, कचरे का प्रबंधन व निष्पादन किस पद्धति से जा रहा है, जिसमें 2400 अंक निर्धारित हैं। इस संबंध में जानकारी जुटाई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दरअसल कचरे के प्रबंधन और निष्पादन के लिए नगर परिषद अब नगर निगम साल दर साल सिर्फ कूड़ेदान (डस्टबिन) ही बदलता रहा। करोड़ों रुपए के कूड़ेदान की खरीदी पर खर्च हुए। वे कूड़ेदान जमींदोज हो गए।


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