भैया दूज पर बजरी व मिठाई खिला बहनों ने मंगल टीका लगाया, सेल्फी लेकर बांटी खुशियां
सीतामढ़ी। रक्षाबंधन की तरह भाईदूज का त्योहार भी भाई-बहन के लिए खास होता है और इसका इंतजार दोनों को रहता है।
सीतामढ़ी। रक्षाबंधन की तरह भाईदूज का त्योहार भी भाई-बहन के लिए खास होता है और इसका इंतजार दोनों को रहता है। भैया दूज यानी गोधन पर्व की सुबह से ही धूम रही। भाई-बहन के प्रेम व विश्वास का पर्व भाई दूज शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। व्रत रखकर भाई के लिए मंगल कामना की गई। बहनों ने भाई के मस्तक पर अक्षत तिलक लगाकर मंगलकामना की और उनकी बलाएं लीं। भाइयों ने बहन की आजीवन रक्षा का वचन दिया। भैया दूज पर बहनों को पसंदीदा गिफ्ट्स भी भेंट किए गए। बहनों ने सुबह से ही पर्व की तैयारियां शुरू कर दी थीं। घरों में छोटे बच्चों ने भी यह त्योहार हंसी-खुशी के साथ मनाया। स्टेशन रोड की साक्षी केशरी, शिवानी केशरी ने कहा कि भाई दूज पर अपने भाईयों शिवम सुंदरम, सत्यम राज व सुंदरम राज को मंगल टीका लगाकर उनको बजरी खिलाइ्र, मुंह मीठा कराया और सेल्फी क्लिक कर इस क्षण को यादगार बनाया। भाई दूज कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। पूजा-पाठ के बाद बहनों ने भाईयों के साथ सेल्फी ली और इस क्षण को यादगार बनाया। जदयू किसान प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष व मशरूम गर्ल के नाम से प्रसिद्ध अनुपम झा ने कहा कि अपने भाई धीरज को मंगल टीका लगा दीर्घायु होने की कामना की। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए। यमुना ने उनका आदर-सत्कार कर पूजा की और भोजन कराया। इससे प्रसन्न हुए यमराज से यमुना ने वरदान मांगा कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करेगा, वह दीर्घायु हो और बहन के घर हमेशा ख-संपत्ति हो। तब से यह पर्व भाई-बहन के प्रगाढ़ प्रेम के नाम पर मनाया जाता है। भैया दूज पर भाइयों को विवाहित बहन के घर जाने और मंगल तिलक कराने की परंपरा रही।