सज गया पटाखा बाजार, सिर्फ दिवाली पर पांच करोड़ के कारोबार का अनुमान
शादी-ब्याह के लग्न के बाद दीपावली-छठ पर फिर एकबार पटाखा बाजार गुलजार है। फुटपाथ के साथ जहां-तहां दुकानें सजी हुई हैं। बाजार में एक से बढ़कर एक पटाखे देखने को मिल रहे हैं। ग्रीन फुलझड़ी से लेकर राकेट व तेज आवाज वाले बम चकरघिन्नी भी है। गांव-शहर के तमाम कारोबारियों को सिर्फ दीपावली जिलेभर में कम से कम पांच करोड़ की बिक्री का अनुमान है। हालांकि प्रशासन की काफी सख्ती है। प्रशासन की ओर से पटाखों को जलाने से लेकर उसे बेचने तक पर रोक है।
सीतामढ़ी । शादी-ब्याह के लग्न के बाद दीपावली-छठ पर फिर एकबार पटाखा बाजार गुलजार है। फुटपाथ के साथ जहां-तहां दुकानें सजी हुई हैं। बाजार में एक से बढ़कर एक पटाखे देखने को मिल रहे हैं। ग्रीन फुलझड़ी से लेकर राकेट व तेज आवाज वाले बम, चकरघिन्नी भी है। गांव-शहर के तमाम कारोबारियों को सिर्फ दीपावली जिलेभर में कम से कम पांच करोड़ की बिक्री का अनुमान है। हालांकि, प्रशासन की काफी सख्ती है। प्रशासन की ओर से पटाखों को जलाने से लेकर उसे बेचने तक पर रोक है। दीपावली का त्योहार जब भी आता है, पटाखों को जलाने से लेकर बेचने तक पर बहस छिड़ जाती है। कोविड-19 के बुरे दौर में पटाखें का इस्तेमाल वैसे बेमतलब व नुकसानदेह ही है। यह सीधा हमारी इम्यूनिटी पर असर करता है। कई लोगों को सांस की भी परेशानी होने लगती है। ध्वनि प्रदूषण फैलता है सो अलग। कारोबारियों का कहना है कि इस बार पटाखा बनाने वाली कंपनियों ने ग्रीन पटाखें सप्लाई की हैं। चीन-भारत की तनातनी के बीच लोग चाइनिज पटाखों का बहिष्कार कर रहे हैं। ज्यादातर पटाखे छतीसगढ़ से आए हैं और वे देसी है। शुरुआती खरीदी में लोग इसे पसंद भी कर रहे हैं। इस दिवाली 40 प्रतिशत ग्रीन पटाखें फूटने का अनुमान है।
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ग्रीन फुलझड़ी से लेकर राकेट, तेज आवाज वाले आलू बम भी
प्रशासनिक रोक के बावजूद कारोबारी खरीद-बिक्री में पीछे नहीं हैं। पटाखों में इस बार भी काफी सारी वेरायटी नई और खास है। पिछले साल प्रमुख पटाखों के जो रेट थे, इस बार वह और महंगा हो गया है। बावजूद डिमांड व सप्लाई में कोई खास असर नहीं है। ग्रीन फुलझड़ी से लेकर राकेट, तेज आवाज वाले आलू बम भी हैं. सात सेंटीमीटर वाले चकरघिन्नी जिसे राधा चक्कर भी कहते हैं, वह पिछले साल ?115 रुपये प्रति पैकेट बिका था वो इस बार दस रुपये प्रति पैकेट महंगा है। कमांडो नामक मशहूर आलू बम भी पिछले साल ?120 रुपये प्रति पैकेट की अपेक्षा 10 रुपये अधिक महंगा है। शहर के मस्जिद रोड स्थित पटाखा दुकानदार अमित कुमार ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार सभी पटाखों पर लगभग 10 से ?20 रुपये प्रति पैकेट की बढ़ोतरी हुई है। बढ़ती महंगाई और ट्रांसपोर्ट के बढ़ते खर्च के कारण पटाखों की कीमत में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। उधर, मेन रोड के एक पटाखा दुकानदार प्रदीप कुमार का कहना है कि इस बार प्रशासन की सख्ती के बावजूद पटाखों की काफी डिमांड है और वह महंगे भाव में बिक भी रहा है। --------------------------------- पटाखा बेचने वालों की धर-पकड़ के लिए डीएम का आदेश एसडीओ सदर राकेश कुमार एवं एसडीपीओ सदर रमाकांत उपाध्याय के नेतृत्व में अवैध पटाखा दुकानदारों के खिलाफ अभियान छेड़ा गया है। जिलाधिकारी सुनिल कुमार यादव के आदेश पर न सिर्फ अभियान चलाया जा रहा है बल्कि, वैसे दुकानदारों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जा रही है। फुटपाथ पर पटाखा बेचने वाले कई दुकानदारों के पटाखे जब्त कर लिए गए हैं। दिवाली व छठ पर खुले में पटाखा बेचने पर सख्त पाबंदी है। साथ ही ग्रीन व क्लीन दिवाली के लिए आम जन से आतिशबाजी नहीं करने की अपील भी की जा रही है। पटाखा बेचने का लाइसेंस किसी को भी नही दिया गया है। रविवार को जो दुकानदार अवैध रूप से पटाखा बेचते पकड़े गए उनमें मोहम्मद सदाम हासमी, कृष्णा कुमार, संजय कुमार, कन्हैया प्रसाद के ऊपर केस भी दर्ज किया गया। शहरी इलाकों में नगर थाना प्रभारी विकास कुमार राय खुद छापेमारी कर रहे हैं।
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पिछले साल से इस बार महंगा बिक रहे पटाखे
ग्रीन फुलझड़ी 600 रुपये यूनिट यानि 60 रुपये डब्बा, राकेट 140 रुपये पैकेट, चक्करघिन्नि यानि राधा चक्कर 150 से 200 रुपये डब्बा, तथा सदाबाहार नागिन छाप 17 रुपये पाकेट बिक रहा है। पिछले साल से इसबार सभी पटाखों पर महंगाई है। बिक्री भी फिलहाल कम ही है, दिपावली व छठ पर इसमें अचानक उछाल आएगा। व्यवसायियों का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक प्रतिवर्ष सिर्फ दीपावली में पांच करोड़ के पटाखे का कारोबार सीतामढ़ी जिले में होता है। इसके अलावा लग्न के मौसम में भी पटाखे का कारोबार इससे कहीं ज्यादा होता है। शादी-समारोह में पैशन और फैशन के नाम पर आतिशबाजी स्टेटस सिबाल के तौर पर होती है।
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इनसेट थोक मार्केट में पटाखे की कीमत
ग्रीन फुलझड़ी- 600 रुपये यूनिट
मुर्गा छाप नागिन-15 रुपये प्रति पैकेट
कोबरा छाप नागिन- 11 रुपये प्रति पैकेट
फुलझड़ी- ?16 से ?18 रुपये प्रति यूनिट
हाइड्रो बम-60 रुपये प्रति पैकेट
कुलिया-?120 से ?180 रुपये प्रति पैकेट
चक्करघिरनी- ?125 से 240 रुपये प्रति पैकेट
कमांडो नाम का आलू बम-?130 रुपये प्रति पैकेट
हनुमान बम-?120 प्रति रुपये पैकेट
राकेट- ?160 से ?240 रुपये पैकेट
टॉर्च लाइट पटाखा-?140 रुपये प्रति पैकेट
एक पैकेट में 10 पीस पटाखे होते हैं।
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