लालू प्रसाद के जन्म दिन पर केक की जगह गरीबों की थाली में परोसा भोजन
सीतामढ़ी । राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन शुक्रवार को विविध कार्यक्रमों के बीच धूमधाम से संपन्न हुआ। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हुए।
सीतामढ़ी । राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन शुक्रवार को विविध कार्यक्रमों के बीच धूमधाम से संपन्न हुआ। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित हुए। जिला राजद ने उनके जन्मदिन को सामाजिक न्याय सछ्वावना दिवस के रूप में मनाया। वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अर्जुन राय ने कहा कोरोना को देखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के जन्मदिन पर कोई उत्सव का आयोजन संभव नहीं हो सका। कितु जिला, प्रखंड, पंचायत, गांव और स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से लालू रसोई के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में गरीब, आशक्त और लाचार लोगों को भोजन कराया। डुमरा के विश्वनाथपुर लालू यादव चौक के समीप पौधारोपण किया गया। गरीबों को भोजन कराया गया। उसके बाद सरकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन पर भी लालू रसोई के माध्यम से भोजन कराया गया। उन्होंने कहा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने केक की जगह गरीबों की थाली में भोजन परोसा। वह वही थाली है जिसे बजाकर गरीब जनता ने भाजपा का विरोध किया था। उन्होंने कहा लालू जी गरीब-गुरुबों, पिछड़ों, दलित, शोषित, वंचित और जरूरतमंदों के हक की लड़ाई लड़ने वाले ऐसे राजनेता हैं जिनका पूरा जीवन समाज को समर्पित रहा है। गरीबों के प्रति उनके दिल में हमदर्दी रही है और उनके हक की लड़ाई लड़ना लालू जी की पहचान है। आज पूरे देश में कोरोना विपदा है और सरकारी तंत्र पूरी तरह से फेल है। ऐसे में लालू जी की याद आती है। फिर भी लालू जी अपने स्तर से गरीबों की आवाज को फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से लगातार उठा रहे हैं। आज लाखों लोगों के आजीविका संकट में है। हजारों लोग असमय मौत के मुंह में समा चुके हैं। फिर भी देश की राजनीति में कोई हलचल नहीं है। ऐसी परिस्थिति में लालू जी को, उनके संघर्ष की याद करना आज की आवश्यकता है। उन्होंने हमेशा गरीबों के हर संभव मदद करने की कोशिश की। यही कारण है गरीबों के प्रति उनकी सेवा और समर्पण को देखते हुए राजद के द्वारा लालू जी के जन्मदिन को सामाजिक न्याय सछ्वावना दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मौके पर बाजपट्टी विधायक मुकेश कुमार यादव ने कहा कि लालू जी का जन्मदिन इसलिए भी एतिहासिक है क्योंकि उन्होंने सामाजिक परिवर्तन का सूत्रपात किया था और गरीब गुरबों का मान-सम्मान और आवाज बुलंद किया था। साथ में पूर्व विधायक सैयद अबू दुजाना, पूर्व विधायक सुनील कुशवाहा, युवा प्रदेश उपाध्यक्ष जलालुद्दीन, राजद नेता उपेंद्र विद्रोही, जिला प्रधान महासचिव लालू प्रसाद यादव, वरिष्ठ नेता पूर्व सभापति मनोज कुमार, राजीव कुमार मुन्ना, गणेश गुप्ता, अरविद कुमार पप्पू, सुरेंद्र यादव, ईश्वर नारायण साह, अरुण यादव, हरिओम शरण, शैलेंद्र अहिराज, घनश्याम कुमार, डॉ. मंसूर आलम, रघुनाथ राय, नसीब खां, अमर कुमार, अरविद पप्पू, राजकिशोर कुशवाहा, जवाहर यादव, श्याम किशोर यादव, विजय महाजन, रामनाथ यादव, श्याम राय, पंकज पप्पू, हिमांशु कुमार, राजद नेत्री सीमा गुप्ता, सरोज यादव, सुधीर यादव, अरविद मंडल, डॉ. शत्रुघन यादव, शंभू कुमार, रमेश जी, चंद्रजीत प्रसाद, अभिषेक कुमार, विनोद कुमार आदि मौजूद थे।