गुदरी के लाल थे बथनाहा के पूर्व भाजपा विधायक दिनकर राम
सीतामढ़ी। बथनाहा के पूर्व विधायक दिनकर राम का निधन हो गया है। वे 83 वर्ष के थे। दिनकर रा
सीतामढ़ी। बथनाहा के पूर्व विधायक दिनकर राम का निधन हो गया है। वे 83 वर्ष के थे। दिनकर राम भाजपा के टिकट पर चार बार विधायक रहे हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव में अंतिम सांस ली। मेजरगंज प्रखंड के मोहबापुर टोले चैनपुर गांव के रहने वाले थे। उनके निधन की खबर मिलते ही जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भी शोक जताया। जिला भाजपा कार्यालय में शोकसभा आयोजित हुई। 1 अप्रैल, 1947 को उनका जन्म हुआ था। उनकी पत्नी रामसखी देवी का पहले ही निधन हो चुका है। उनकी पांच संतान हैं। दिनकर राम लंबे अर्से से अस्वस्थ भी रह रहे थे। इस साल वे कोरोना संक्रमण की चपेट में भी आ गए थे। मगर, इलाज के बाद स्वस्थ हो गए। दिनकर राम के बारे में कहा जाता है कि वे गुदरी के लाल थे। उन्होंने मैट्रिक तक पढ़ाई की। असाधारण व्यक्ति मगर अत्यंत साधारण वेशभूषा, शांत व सरल स्वभाव, खुशमिजाज किस्म के इंसान थे। उनकी सादगी के हर कोई कायल है।
इनसेट :
पोते को टिकट नहीं मिलने का रह गया मलाल
सीतामढ़ी : मेजरगंज सुरक्षित सीट से पहली बार 2005 में विधायक हुए। मेजरगंज प्रखंड के मोहबापुर टोले चैनपुर गांव के रहने वाले थे लेकिन, 2010 में परिसीमन के बाद बथनाहा सीट अस्तित्व में आई और सुरक्षित हुई तो भाजपा ने दोबारा उन्हें टिकट दिया और वे जीते भी। 2020 के चुनाव में भाजपा ने उनको बेटिकट कर दिया। हालांकि, उम्र का हवाला देकर दिनकर राम खुद भी चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे लेकिन, उनकी दिली ख्वाहिश थी कि इस सीट पर उनके पौत्र कुंदन राम को टिकट मिले। मगर भाजपा ने दूसरे विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले अनिल राम पर भरोसा जताया। हालांकि, अनिल राम चुनाव जीत गए। पुत्र को टिकट नहीं मिलने का मलाल दिनकर राम को हो गया। इस कारण चुनाव के समय भितरघात की आशंका भी जताई गई। गौरतलब है कि
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1974 में ही राजनीतिक में आ गए
1974 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया था। वे पहली बार फरवरी 2005 में और फिर अक्टूबर 2005 में विधानसभा के लिए चुने गए थे। 2010 और 2015 में भी बथनाहा विधानसभा सीट से चुनाव जीते। कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री सुरेंद्र राम को लगभग 21000 मतों के भारी अंतर से हराया था। दिनकर राम ने वर्ष 2010 के चुनावों में नजदीकी प्रतिद्वंदी रामविलास पासवान की पार्टी की प्रत्याशी ललिता देवी को हराया था। इससे पहले 2005के चुनाव में उन्होंने राजद उम्मीदवार को मात दी थी। इस सीट पर आमतौर पर बहुदलीय मुकाबला देखने को मिलता था। लेकिन, एनडीएम और महागठबंधन के अस्तित्व में आने के बाद इस चुनाव का परि²श्य ही बदल गया।
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भाजपा ने जिला पार्टी कार्यालय में रखी शोकसभा
भाजपा समेत जिले के तमाम नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। शोकसभा में जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह के साथ जिला भाजपा प्रभारी विवेक कुमार, बथनाहा विधायक ई. अनिल कुमार, प्रो. उमेश चंद्र झा, अरूण गोप, नंदकिशोर सिंह, संजीव चौधरी, दिनकर पंडित, सुभाष केसरी, रामनरायण राम, पवन उपमन्यु, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रिस तिवारी, श्रीकांत बबलू, डॉ. विभा ठाकुर, सीमा जसवाल, शाहीन प्रवीण, आशुतोष कुशवाहा, शिवशंकर प्रसाद, विनोद कुमार, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष राहुल आनंद, जियालाल ठाकुर, विरेंद्र सिंह, जिला मीडिया प्रभारी आग्नेय कुमार ने दो मिनट मौन रहकर श्रद्धांजलि दी।
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विपक्षी भी बोले- दिनकर राम का नहीं था कोई राजनीतिक विरोधी पूर्व सांसद अर्जुन राय ने अपनी शोकसंवेदना में कहा कि वे सरल स्वभाव के व्यक्ति थे और गरीबों की आवाज थे। राजनीतिक जीवन में उनका कोई विरोधी नहीं था। बाजपट्टी विधायक मुकेश कुमार यादव, बेलसंड विधायक संजय गुप्ता, सुरसंड के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना, बाजपट्टी की पूर्व विधायक डॉ. रंजू गीता, सीतामढ़ी के पूर्व विधायक सुनील कुमार कुशवाहा व परिहार से राजद प्रत्याशी रहीं रितू जायसवाल, जिला राजद के अध्यक्ष मो. शफी खान, जिला राजद के प्रधान महासचिव लालू प्रसाद यादव, युवा राजद के प्रदेश महासचिव मो. जलालुद्दीन खान, राजद के वरिष्ठ नेता उपेंद्र प्रसाद विद्रोही, घनश्याम यादव, सुरेंद्र यादव, मनोज कुमार, लक्ष्मी झा, गणेश गुप्ता, पंचायत समिति सदस्य रोशन कुमार ने भी शोक व्यक्ति किया है।