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चोरौत में सामुदायिक भवन में तो परसौनी में ट्राइसेम भवन में ब्लाक व अंचल कार्यालय

सीतामढ़ी। भाड़े के मकान में छोटे-मोटे कार्यालय संचालित होना तो आम बात है लेकिन सीतामढ़ी जिले में चोरौत व परसौनी में ब्लाक व अंचल कार्यालय को अपना भवन व भूमि उपलब्ध नहीं होने से जैसे-तैसे चल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 12:23 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 12:23 AM (IST)
चोरौत में सामुदायिक भवन में तो परसौनी में ट्राइसेम भवन में ब्लाक व अंचल कार्यालय
चोरौत में सामुदायिक भवन में तो परसौनी में ट्राइसेम भवन में ब्लाक व अंचल कार्यालय

सीतामढ़ी। भाड़े के मकान में छोटे-मोटे कार्यालय संचालित होना तो आम बात है लेकिन, सीतामढ़ी जिले में चोरौत व परसौनी में ब्लाक व अंचल कार्यालय को अपना भवन व भूमि उपलब्ध नहीं होने से जैसे-तैसे चल रहा है। हर साल लगभग पांच करोड़ से अधिक राशि जनकल्याणकारी योजनाओं में खर्च करनेवाले प्रखंडों का ये हाल है। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को इस बात का तनिक भी मलाल नजर नहीं आता। चोरौत प्रखंड व अंचल कार्यालय को अपना भवन व भूमि नहीं होने से सामुदायिक भवन में दोनों कार्यालय चल रहे हैं। जिससे कर्मियों व आम जनता को होनेवाली समस्या का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है। उधर, परसौनी प्रखंड कार्यालय ट्राइसेम भवन में तीन कमरों में चल रहा है। भूमि अधिग्रहण का काम लंबित है। चोरौत को प्रखंड व अंचल कार्यालय बने 26 साल गुजर गए। इन छब्बीस वर्षों में भवन व भूमि का इंतजाम नहीं हो पाया। तीन कमरों में ये कार्यालय चल रहे हैं। तत्कालीन विधायक सीताराम यादव ने वर्ष 1995 में चोरौत प्रखंड कार्यालय का उदघाटन कराया था। नीमबारी बाजार के समीप समुदायिक भवन में इसका उदघाटन हुआ तब से इसी तरह चल रहा है। चोरौत की सात पंचायतों को पुपरी प्रखंड से अलग कर नया प्रखंड बना दिया गया। यह जिले का सबसे छोटा प्रखंड है। ---------------------------------- ब्लाक सह अंचल कार्यालय में शौचालय तक नहीं, शर्मशार होते आगंतुक

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बताया जाता है कि प्रखंड कार्यालय के लिए भू-अर्जन नहीं हो पाने के चलते भवन नहीं बन पा रहा है। तीन कमरे वाले समुदायिक भवन में दो कमरे मे बीडीओ व सीओ का कार्यालय है। तीसरे कमरे में आरटीपीएस के साथ अंचल व प्रखंड के कर्मी कार्य करते हैं। भवन के अंदर ही कोने में गुटका व पान के पीक से कोना व दीवार बदरंग है। कचरे का अंबार लगा है सो अलग। कार्यालय की दिवार से सटे वर्षों से दस्तावेज पड़ी हैं जिनपर धूल की मोटी परत जम गई है। प्रखंड सह अंचल कार्यालय का छोटा परिसर होने के कारण कोई कार्यक्रम करना मुश्किल हो जाता है। परिसर के अभाव में बीडीओ-सीओ के वाहन सड़क किनारे पार्क होते हैं। बारिश के समय बरामदे के साथ भवन से पानी रिसता रहता है। छत टूटकर गिर रही हैं। किसी दिन पूरा भवन धराशायी हो जाए तो आश्चर्य नहीं। सामुदायिक भवन के पश्चिम में किसान भवन के एक कमरे में प्रमुख कार्यालय, दूसरे में बाल विकास परियोजना कार्यालय सह गार्ड रूम है। तीसरे में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास कर्मी, विकास मित्र, निर्वाचन प्रशाखा, व कृषि विभाग के कर्मी कार्य करते हैं। कार्यालय में आम लोगों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। पुरुषों व महिलाओं को शर्मशार होना पड़ता है। -------------------------------------

ब्लाक व अंचल कार्यालय के लिए डीएम ने दो स्थान देखे थे

सितंबबर 2015 में तत्कालीन डीएम डा. प्रतिमा ने चोरौत ब्लाक व अंचल कार्यालय के लिए दो स्थल का निरीक्षण किया था। जिसमे झटियाही सहजानंद चौक के समीप का क्षेत्र व दूसरा रामबाग परिसर स्थित पशुहाट। इन दोनों जगहों पर सीओ को भूमि अधिग्रहण का निर्देश भी दिया था। लेकिन, आदेश हवा-हवाई साबित होकर रह गया। बीडीओ भी भूमि व भवन का रोते रोना

बीडीओ दिवाकर कुमार का कहना है कि भूमि-भवन के अभाव में उनको भी तमाम समस्या होती है। चेंबर में बैठने व कार्य निष्पादन की समस्या होती है। एक ही कमरे में सभी कर्मी एक साथ बैठ भी नहीं पाते हैं। वर्ष 2021 में चोरौत पशु हाट के बगल में अंचल कार्यालय के द्वारा प्रखंड सह अंचल कार्यालय के लिए जमीन का प्रस्ताव जिला पदाधिकारी को दिया गया था। तब से फाइल आगे नहीं बढ़ पाई।


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