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शहर एवं गांव का हो विकास, बने मजबूत सरकार

बेशक गांव-समाज की तस्वीर में बदलाव आया है इलाके का विकास हुआ है। सड़क बने है पुलों का निर्माण हुआ है। बिजली से घर-घर रोशन हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 01:07 AM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 06:29 AM (IST)
शहर एवं गांव का हो विकास, बने मजबूत सरकार
शहर एवं गांव का हो विकास, बने मजबूत सरकार

सीतामढ़ी। बेशक, गांव-समाज की तस्वीर में बदलाव आया है, इलाके का विकास हुआ है। सड़क बने है, पुलों का निर्माण हुआ है। बिजली से घर-घर रोशन हुआ है। स्कील डेवलपमेंट के जरिए युवा पीढ़ी आत्म निर्भर हुई है। शहरीकरण के दिशा में हम एक कदम आगे बढ़े है और आम आदमी की जीवनशैली में बदलाव आया है। बावजूद इसके कई ज्वलंत मुद्दे अब भी बरकरार है। आम आदमी आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। देश में भ्रष्टाचार, आतंकवाद, गरीबी और बेरोजगारी जैसे समस्याएं बरकरार है। स्थानीय स्तर पर जातिवाद और साम्प्रदायवाद जैसे मुद्दे समाज को खोखले कर रहे है। गरीबी, अशिक्षा और भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत हुई है। अपराध का ग्राफ बढ़ा है। जिले की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। जिले में उच्च और तकनीकी शिक्षा के इंतजाम नहीं है। बेरोजगारी दूर कराने की दिशा में पहल नहीं हो रही है। किसान मौसम के साथ व्यवस्था की मार से लाचार है। उद्योग जैसी चीज यहां दिखती नहीं है। सड़क, जल जमाव और जाम जैसी समस्या अब आम आदमी की जिदगी से जुड़ गया है। आखिर इन समस्याओं के लिए जिम्मेदार कौन? सवाल उठना लाजिमी है। कैसा हो हमारा सांसद, हमारी समस्याओं का समाधान कैसे हो और क्या है वोटरों की समस्या? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक जागरण ने शहर के वैदेहीनगर स्थित वैदेहीनगर के सृजनकर्ता अभिषेक मिश्रा शिशु के आवासीय परिसर में चुनावी चौपाल लगाई। चौपाल में लोगों ने राष्ट्रीय क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर बेबाकी से राय रखी। लोगों ने शिक्षित, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और समरस समाज की स्थापना की मांग की। वहीं कहा कि हमारा प्रतिनिधि मजबूत, इमानदार और हमारी बातों को सरकार तक पहुंचा कर उसका निदान कराने वाला होना चाहिए। जनप्रतिनिधि को जनता की समस्याओं के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।

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बोले लोग :::::

जिले में शिक्षा की हालत काफी खराब है। स्कूलों में शिक्षक और संसाधन का अभाव है। सीतामढ़ी शहर में जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। जलजमाव और गंदगी के बीच लोग परेशान होकर रह गए है। शहर में रोजाना जाम लग रहा है। सीतामढ़ी को अब तक पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल सका है। इस ओर किसी का ध्यान नही है :- बिट्टू विश्वास, निदेशक, चिल्ड्रेंस हैप्पी होम स्कूल।

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सीतामढ़ी में जाम का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अब नए इलाके भी जाम की गिरफ्त में आ रहे है। जाम के चलते हादसे बढ़ रहे है। मेहसौल में पांच साल से रोड ओवर ब्रिज का निर्माण अधर में लटका है। इसके चलते शहर में जाम लगा रहता है। रोजाना लग रहे जाम से स्कूली बच्चे, मजदूर, सरकारी-गैर सरकारी कर्मी और व्यवसायी सब प्रभावित हो रहे है: - अभिषेक मिश्रा शिशु, सृजनकर्ता वैदेहीनगर।

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देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर टिकी है, लेकिन जिले की कृषि व्यवस्था बदहाल है। न सिचाई की व्यवस्था है और नहीं किसानों को कृषि योजनाओं का लाभ ही मिल पा रहा है। अधिकांश नलकूप ठप है। सरकार और प्रशासन का इस ओर ध्यान नहीं है। ऐसे में इलाके में खेती पर संकट उत्पन्न हो गया है। हमारे जनप्रतिनिधि को किसानों का ख्याल रखना चाहिए :- रणजीत सर्राफ।

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शिक्षा के जरिए ही गांव-समाज का विकास संभव है। उच्च शिक्षा के लिए युवाओं को अन्यत्र भटकना पड़ता है। जिले में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। सुरक्षा भी बड़ा सवाल बन गया है।युवाओं के लिए रोजगार के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। शहर की सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत नहीं है। शहर में गंदगी, जल जमाव और अतिक्रमण की समस्या है। इसका हर हाल में का समाधान होना चाहिए :- मनमोहन कौशिक, अधिवक्ता।

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शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल की हालत खराब है। अब तक जिले में जिला स्तरीय अस्पताल की स्थापना नहीं हो सकी है। जिले में आइटीआई के अलावा कोई तकनीकी शिक्षण संस्थान नहीं है। मेहसौल में आरओबी के नहीं बनने से जाम झेलना पड़ता है। किसान बदहाल है। हमारा सांसद इलाके के विकास के प्रति समर्पित होना चाहिए। हमें ऐसा नेता चुनना चाहिए जो समाज के विकास के प्रति तत्पर हो :- सुनील कुमार।

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जिले में शिक्षा का बुरा हाल है। उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए युवाओं को भटकना पड़ता है। जिले में रोजगार की व्यवस्था नहीं है। उद्योग के नाम पर केवल रीगा चीनी मिल है। बेरोजगारी दूर कराने के लिए उद्योग की स्थापना जरूरी है। सीतामढ़ी शहर में अतिक्रमण, जाम और जलजमाव बड़ी परेशानी है। लखनदेई नदी अपना वजूद खोती जा रही है। इस पवित्र नदी के संव‌र्द्धन की जरुरत है: - नृपेंद्र झा डिम्पू।


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