दारोगा और चौकीदार से ही हुआ अपराधियों का सामना, साथ गए अफसर-फोर्स रह गए कहां
सीतामढ़ी। अब तक सामने आए तथ्य और घटनाक्रम के आधार पर मेजरगंज की वारदात के पीछे किसी
सीतामढ़ी। अब तक सामने आए तथ्य और घटनाक्रम के आधार पर मेजरगंज की वारदात के पीछे किसी गहरी साजिश की बू भी आती है। मौका-ए-वारदात से फायर की हुई गोलियों के खोखे बरामद नहीं होना, सीसीटीवी फुटेज की गतिविधियों, पुलिसकर्मियों के बिना वर्दी में होने, गोली चलते ही सबों के वहां से भाग पड़ने, पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई नहीं होने, बिना पुख्ता बैकअप के पुलिस टीम के वहां पहुंचने जैसी बातें सामने आने के बाद आम लोगों के जेहन में भी ये चीजें खटक रही हैं। हालांकि, शहीद हुए दारोगा दिनेश राम पुनौरा थाना तो उनके साथ गए दारोगा रजा अहमद भी मेहसौल ओपी में थानाध्यक्ष रह चुके हैं। और इस लिहाज से दोनों अफसरों को यह तो पता रहा ही होगा कि किसी ऑपरेशन में क्या और कैसी सतर्कता -तैयारी रखनी पड़ती है। बावजूद, चूक ऐसी हुई कि एक पुलिस अफसर को अपनी जान देकर उसकी कीमत चुकानी पड़ गई।
थाने से चले थे पूरी तैयारी के साथ सब लोग
स्थानीय लोगों एवं पुलिस सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के अनुसार, घटना के दिन सुबह 10 बजे दारोगा दिनेश ने चौकीदार मिटू सिंह को थाने बुलाया। कुंआरी मदन गांव में छापेमारी के लिए साथ चलने को कहा। चौकीदार ने सुरक्षा के लिए बैकअप साथ में रखने के लिए बीएमपी के जवानों को साथ ले चलने की सलाह दी। दारोगा दिनेश ने थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद को फोन पर यह बात बताई। थानाध्यक्ष भी कुछ ही देर में तैयार होकर थाना परिसर में पहुंचे। बीएमपी जवानों के साथ घटनास्थल की ओर सभी रवाना हुए। थाने की सूमो गाड़ी पर थानाध्यक्ष व बीएमपी जवान सवार हुए। वहां के एक दूसरे चौकीदार लालबाबू पासवान को दारोगा ने फोन करके कहा कि कुंआरी मदन चौक पर खड़ा रहिए हम लोग वहां पहुंचते हैं तो छापेमारी में साथ रहिएगा। दोनों अफसर दो चौकीदारों को लेकर कुंआरी मदन गांव निकल गए। जिसमें चौकीदार धर्मजीत कुमार उर्फ मिटू सिंह की अपाचे बाइक पर दारोगा दिनेश राम, कृष्णनंदन कुमार की ग्लैमर बाइक पर एसआइ रजा अहमद सवार थे। अपराधियों से सामना होने तक सीन कुछ ऐसा
कुंआरी मदन चौक पर जब थाना पुलिस की गाड़ी पहुंच गई तो बाइक सवार सुधा देवी के घर की ओर रवाना हुए। इसी घर पर छापामारी करनी थी। सूत्रों की मानें तो थानाध्यक्ष की गाड़ी चौक पर ही रूक गई। थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे। वही बाइक सवार पुलिस अफसर सादे लिबास में उस घर की ओर बढ़ गए। वहां पहुंचते ही दिनेश राम सुधा देवी के दरवाजे को खुलवाकर भीतर प्रवेश करने की कोशिश की। उनके पीछे लालबाबू एवं रजा अहमद थे। दरवाजा खुलने पर दारोगा दिनेश राम ने देखा कि अंदर कई अपराधी हैं तो उन्होंने सबको हाथ उठाने को कहा। इतने में उन्होंने पीछे मुड़कर अपने पीछे के साथी अफसर व चौकीदार को सतर्क करना चाहा। इतनी ही देर में अपराधियों ने फायरिग कर दी। फिर वहां भगदड़ मच गई। दारोगा जमीन पर गिर पड़े थे और रजा अहमद वहां से तेजी से निकल गए। लालबाबू पासवान को बदमाशों ने सामने देखा और गोलियां चलाई। उधर, दूसरे चौकीदार मिटू सिंह का कहना है कि उनपर भी गोली चलाने की कोशिश हुई लेकिन, गोली किच कर गई।
सीसीटीवी फुटेज बनेगा अंसंधान का अहम सुराग मेजरगंज थाने में भी सीसी कैमरे लगे हुए हैं। जिस गांव में वारदात हुई वहां भी दो कमरे लगे हैं। एक सीसीटीवी के फुटेज में तो पुलिस की गाड़ी सड़क पर लगी हुई दिखती है। गाड़ी से कुछ दूरी पर दो लोग आपस में बात करते हुए दिखाई पड़ते हैं। एक दूसरी फुटेज में पुलिस जीप के ठीक बगल से होकर दो लड़कियां जाती हुई दिखती हैं। एक फुटेज में एक-एक बाइक पर दो-दो लोग जाते हुए दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि उसमें से एक बाइक पर दारोगा दिनेश राम पीछे बैठे हुए हैं। वैसे सीसीटीवी फुटेज की कड़ियां घटना के दिन की असल कहानी बयां कर सकती हैं। कहा जाता है कि एक सीसीटीवी का फुटेज अब डिलीट भी हो चुका है। एक दूसरे कैमरे का फुटेज मीडिया को हाथ लगा है। पुलिस के लिए यह फुटेज कहां तक कारगर हो सकता है यह बात तो महकमा ही बताएगा।