आज से पहली से पांचवी कक्षा के खुलेंगे विद्यालय, आधे बच्चे ही आएंगे मगर सबके लिए मास्क जरूरी
सीतामढ़ी। पहली से 5वीं तक के स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। 50 फीसद रोटेशन के साथ बच्चे विद्यालय
सीतामढ़ी। पहली से 5वीं तक के स्कूल सोमवार से खुल जाएंगे। 50 फीसद रोटेशन के साथ बच्चे विद्यालय आएंगे। प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर अभिभावकों व स्कूलों को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सभी स्कूलों को कोविड-19 को लेकर जारी एसओपी का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए गए हैं। सरकार के निर्देशानुसार, प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए जीविका दीदियों के माध्यम से दो-दो मास्क उपलब्ध कराने का आश्वासन मिला था। मगर, विद्यालय खुलने तक ये मास्क नदारद थे। लिहाजा, विद्यालयों को अपने स्तर से ही इसका इंतजाम कराना पड़ा। डुमरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जानकी स्थान उर्दू में विद्यालय शिक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक विवेक कुमार, वरीय शिक्षक उदय नारायण सिंह, शिक्षा समिति के अध्यक्ष इरशाद अहमद, सचिव शमीमा खातून, समाजसेवी डॉ. मोविनुल हक, अंजारुल हक आदि शामिल हुए। बैठक में कोरोना महामारी के बाद पुन: सरकार के निर्देशानुसार विद्यालय खोलने के संबंध में चर्चा की गई तथा सरकार द्वारा जारी प्रोटोकाल के अनुरूप विद्यालय संचालन की जानकारी दी गई। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में प्रवेश करते समय डिजिटल थरमल स्कैनर से बच्चों की जांच, हाथ धुलाई एवं सैनिटाइजर का उपयोग किया जाएगा। विद्यालय की तरफ से बच्चों को मास्क दिए जाएंगे। वरीय शिक्षक उदय नारायण सिंह ने बताया कि विद्यालय में रविवार को सभी कमरों एवं बेंच- डेस्क को सैनिटाइज कर दिया गया। समुचित साफ-सफाई करवाई गई। पूरे परिसर को सैनिटाइज कर हैंडवाश व डिजिटल थर्मामीटर की व्यवस्था जरूरी
खुलने से पहले पूरे परिसर को सैनिटाइज कर हैंडवाश व डिजिटल थर्मामीटर की व्यवस्था करनी होगी। क्लासरूम में छह फीट की दूरी रखते हुए बैठने की व्यवस्था करनी होगी। स्कूलों को सभी अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी होगी। किसी भी अभिभावक को अनुमति के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। रोटेशन के तहत एक दिन में एक क्लास में अधिकतम 50 फीसद स्टूडेंट को ही आने की अनुमति रहेगी। शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए स्कूल में प्रवेश व छुट्टी कक्षा के अनुसार अलग-अलग समय पर होगी। प्रतिदिन स्कूल को अच्छे से सैनीटाइज करने के बाद ही स्टूडेंट का प्रवेश होना चाहिए। कोई स्टूडेंट अगर संक्रमित होता है तो इसकी जिम्मेदारी विद्यालय की होगी। किसी भी स्टूडेंट या शिक्षक में कोई बुखार, खांसी-जुखाम के लक्षण हो तो उन्हें वापस भेजा जाएगा। स्कूल में सभी को मास्क की अनिवार्यता रहेगी तथा स्कूल अपने पास पर्याप्त संख्या में मास्क रखेंगे।