लाखों खर्च के बावजूद कोहबरबा गांव में नहीं मिली पेयजल सुविधा
सोनबरसा प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर पर बसा कोहबरबा गांव।
सीतामढ़ी। सोनबरसा प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर पर बसा कोहबरबा गांव। आज भी इस गांव में सड़क, बिजली, शिक्षा स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव है। यहां की जर्जर सड़क लोगों के लिए अभिशाप बनी हुई है। दैनिक जागरण के गांव की पाती अभियान के तहत चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां ग्रामीण गांव की समस्या पर खुलकर बोले। कहा कि यहां दो राजकीय नलकूप है। लेकिन, बिजली और कर्मी के अभाव में वर्षों से ठप है। उच्च शिक्षा का घोर अभाव है। ग्रामीणों ने कहा कि हाल के दिनों में पंचायत के मुखिया द्वारा कुछ विकास का काम कराया गया है, लेकिन अभी और कार्य की जरूरत है। लाल मोहम्मद ने कहा कि गांव में बिजली की स्थिति खराब है। कुछ लोगों को ही इसकी सुविधा उपलब्ध है। वर्षो पहले गांव में विद्युतीकरण कराया गया था। अब अधिकतर पोल और तार जर्जर हो चुके हैं। रवि रजक ने कहा कि वार्ड 5 में जाने वाली सड़क पूरी तरह जर्जर है। बरसात के दिनों में सड़क पर जलजमाव के कारण आवागमन बाधित हो जाता है। इस समस्या के स्थायी निदान के लिए सांसद व विधायक से भी गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। मुखिया द्वारा अगले वित्तीय वर्ष में सड़क निर्माण कराने का भरोसा दिलाया गया है। रामनाथ साह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। गांव में एक मध्य विद्यालय है। लेकिन, अधिकतर शिक्षक गायब रहते हैं। गांव के बच्चे को उच्च शिक्षा पाने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है। लड़कियों के लिए समस्या है। मंसूर आलम ने बताया कि गांव से गुजरने वाली नहर किसानों के ¨सचाई के लिए वरदान समझी जाती थी। लेकिन, वर्षो से नहर की उड़ाही नहीं होने के कारण इससे ¨सचाई सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। पिछले वर्ष ठेकेदार द्वारा गांव के विद्यालय के उत्तर भाग तक नहर की उड़ाही की गई, लेकिन गांव के दक्षिण भाग से जयनगर की ओर जाने वाली नहर की उड़ाही नहीं हुई। इससे यह मृतप्राय है। मिथलेश मंडल ने बताया कि पीएचईडी विभाग द्वारा एक वर्ष पूर्व पेयजल के लिए लाखों रुपये खर्च कर तीन पानी टंकी का निर्माण कराया गया। लेकिन, 15 दिनों के अंदर ही खराब हो गया और पेयजल की सुविधा ठप हो गई। टंकी में दरारें पड़ गई और नल खराब हो चुके हैं। बिछाए गए पाइप भी क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। रितेश कुमार ने बताया कि किसानों को ¨सचाई के लिए निजी पंप सेट पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है। यह महंगा होता है। जयनारायण ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा के लिए सीमा विकास योजना के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र भवन निर्माण कराया गया, लेकिन उसमें भी वर्षो से ताला लटका है। न कोई चिकित्सक आते हैं और न कोई स्वास्थ्यकर्मी। महीने में एक दो बार एएनएम आती है, गांव में घूमकर चली जाती है। आज भी इलाज के लिए सोनबरसा पीएचसी में ही जाना पड़ता है। चौपाल में स¨हद्र साह, उपेंद्र पंडित, सुरेन्द्र महतो, समीर शेख, सिराजुल, विकास कुमार, राज कुमारी देवी, निसार शेख, उमर शेख, जय नारायण मंडल, रितेश कुमार, मंसूर आलम, मिथलेश मंडल, रवि रजक व लाल मोहम्मद सहित कई ग्रामीण शामिल थे । बयान :::
पंचायत के 6 वार्ड में सात निश्चय योजना के तहत नल जल का कार्य किया जा रहा है। जयनगर, रोहुआ व कोहबरबा गांव में 17 पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है। जर्जर सड़क की मरम्मत कराई गई है। मनरेगा से महादलित बस्ती के लोगों की निजी जमीन पर मिट्टी भराई कराया गया। 85 लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया है। शौचालय निर्माण में 750 लोगों को राशि दी गई। 59 लाभुकों को पेंशन का लाभ दिया गया। आमसभा में कई विकास योजना की स्वीकृति दी गई है। प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य कराए जाएंगे।
--- ललित नारायण पंडित, मुखिया