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कोरोना से कम घातक नहीं डेंगू का डंक, बचने के लिए बरतें ये सावधानी

सीतामढ़ी। कोरोना का कहर तो आप सब देख ही चुके हैं। कोरोना से पहले यदि किसी बीमारी ने लोगों को सबसे ज्यादा डराया तो वह डेंगू का डंक था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 12:31 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 12:31 AM (IST)
कोरोना से कम घातक नहीं डेंगू का डंक, बचने के लिए बरतें ये सावधानी
कोरोना से कम घातक नहीं डेंगू का डंक, बचने के लिए बरतें ये सावधानी

सीतामढ़ी। कोरोना का कहर तो आप सब देख ही चुके हैं। कोरोना से पहले यदि किसी बीमारी ने लोगों को सबसे ज्यादा डराया तो वह डेंगू का डंक था। शहर से लेकर देहात तक डेंगू की दहशत फैल जाती है। प्लेटलेट्स के लिए खूब मारामारी रहती है। काफी संख्या में लोगों की मृत्यु हो जाती है। जांच व उपचार के नाम पर निजी अस्पतालों में रोगी आर्थिक शोषण के शिकार होते हैं। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. आरके यादव के अनुसार, यदि लोग कोरोना की तरह डेंगू में भी जरा सी सावधानी व समझदारी दिखाएं तो इससे बचा जा सकता है। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर एएनएम स्कूल में जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी के नेतृत्व में विविध कार्यक्रम हुए। प्रशिक्षु एएनएम ने पोस्टर प्रतियोगिता, अभिभाषण, रोल प्ले के द्वारा डेंगू व इससे बचाव का संदेश दिया। डेंगू दिवस के अवसर पर नर्सिंग छात्राओं के बीच क्विज का भी आयोजन किया गया। सभी ने सभी ने हाथ से हाथ जोड़कर संदेश दिया- 'दूर होगी डेंगू चिकुनगुनिया की बीमारी, गर सब की होगी भागीदारी।' कार्यक्रम में एएनएम स्कूल के प्रभारी प्राचार्य अमित कुमार, भीडीसीओ, प्रिस कुमार, रजनीश कुमार, एफएलए, भीबीडीएस मधुरेंद्र कुमार, नवीन कुमार, राकेश कुमार, शिवशंकर प्रसाद, अरुण राफेल व अन्य उपस्थित थे।

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पोस्टर विजेताओं मे प्रिया कुमारी को प्रथम, राखी कुमारी को द्वितीय, मनीषा को तृतीय पुरस्कार जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार यादव द्वारा दिया गया। डेंगू से बचाव के लिए करें ये उपाय डा. यादव ने ²श्य, श्रव्य माध्यम से डेंगू के कारण, लक्षण, उपचार व बचाव के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि बारिश के आते ही डेंगू फैलाने वाले एडिस मच्छर पनपने लगते हैं। ये मच्छर घर के आस-पास फेंके टूटे-फूटे बर्तन, डिब्बे, टायर, कूलर में जमा पानी, फूल के गमलों मे जमा पानी में पनपते हैं। अधिकतर दिन में ही काटते हैं। संक्रमित मादा एडिस के काटने के 3 से 7 दिन मे बुखार, बदन दर्द, हड्डी और जोड़ों मे दर्द, आंख के पीछे दर्द, आदि होने लगते हैं। इसमे नाक अधवा मसूड़ों से रक्त श्राव, बदन पर चकत्ते, मल में खून का आना, उल्टी में खून का आना गंभीर लक्षण हैं। प्लेटलेट्स 20 हजार से कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है। बुखार के लिए पारासिटामोल के सिवा कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। खासकर एस्प्रीन या ब्रूफेन समूह की दवा तो बिल्कुल नहीं, वरना रक्तश्राव हो सकते हैं। पानी या पेय पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए। डेंगू से बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। घर के आस-पास साफ रखें। पानी को जमा न होने दें। पानी के बर्तनों, टंकी इत्यादि को ढंककर रखें। कूलर का पानी प्रति सप्ताह बदलें। शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। दिन मे भी सोने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।


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