बंद पड़े कुंओं को मिलेगा नवजीवन, विकसित होंगे आहर और पईन
सीतामढ़ी। दशकों से बंद पड़े प्राकृतिक जल श्रोतों में से एक कुंओं के दिन बहुरेंगे। बंद पड़े कुंओं को चालू कराया जाएगा। उन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।
सीतामढ़ी। दशकों से बंद पड़े प्राकृतिक जल श्रोतों में से एक, कुंओं के दिन बहुरेंगे। बंद पड़े कुंओं को चालू कराया जाएगा। उन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। साथ ही उन्हें नव जीवन प्रदान कर आम जनता की जीवन के लिए जीवन दायिनी बनाया जाएगा। डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कुंओं के जीर्णोद्धार के लिए पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को यह निर्देश दिया है। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में बुधवार को आयोजित बैठक में डीएम ने जल जीवन हरियाली और मुख्यमंत्री सात निश्चय योजनाओं की समीक्षा के दौरान सार्वजनिक कुंआ, चापाकल और नलकूप के किनारे सोख्ता रिचार्ज एवं जल संचयन के निर्माण को लेकर निर्देश दिया। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में जल के श्रोत से जल संचयन करने को लेकर डीएम ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। डीएम ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के कुओं का जीर्णोद्धार कराने का निर्देश पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को दिया। जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में कुंआ के पास सोखपीट निर्माण करने का निर्देश मनरेगा पीओ को दिया। डीएम ने बंद कुंओ को खोलने तथा उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया। पंचायत स्तर पर तलाब का कार्य पूर्ण करने का निर्देश मनरेगा पीओ को दिया।
सीएम के आगमन के मद्देनजर तैयारी
सात निश्चय योजना से संबंधित हर घर नल का जल योजना की समीक्षा कर योजना को अविलंब पूरा कराने का आदेश दिया। डीएम ने नगर विकास, भवन निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और लघु सिचाई आदि की योजनाओं की भी समीक्षा करते हुए ससमय पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का निर्देश दिया। बैठक में पर्यावरण संरक्षण, जल स्तर में वृद्धि, तालाब, आहार-पईन की उड़ाही, पौधारोपण और सोलर लाइट को बढ़ावा देने आदि पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में डीडीसी प्रभात कुमार, ओएसडी प्रभात भूषण व डीपीआरओ परिमल कुमार के अलावा पीएचईडी, नगर निकाय और मनरेगा के अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री के आगमन के मद्देनजर तैयारी तेजी से चल रही है।