छठ व्रतियों ने दिया भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य
लोक आस्था और सूर्योपासना के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिनों का कठिन व्रत अनुष्ठान संपन्न होगा।
सीतामढ़ी । लोक आस्था और सूर्योपासना के महापर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को छठ व्रतियों ने अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया। सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिनों का कठिन व्रत अनुष्ठान संपन्न होगा। इस बार घाटों पर ज्यादा चहल-पहल तो नहीं दिखी। लोगों ने भरसक संयम के साथ काम लिया, मगर कई जगहों पर जिला प्रशासन की मनाही के बावजूद व्रतियों की भीड़ छठ घाटों पर जमा हो गई। इस दौरान लोगों ने न तो मास्क लगाया था और न दो गज की दूरी का पालन किया।
जिला प्रशासन ने घर पर ही छठ का अनुष्ठान पूरा करने की अपील की थी, लेकिन लोगों ने नहीं माना। एक दिन पूर्व जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा ने सख्त आदेश जारी किया कि छठ पर्व अपने घरों में मनाएं। घर से बाहर अर्ध्य देने के लिए नहीं निकलें। इस बार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ऐसा करना हर एक जागरूक नागरिक के लिए अनिवार्य है, लेकिन प्रशासन की इस नसीहत को कई छठ व्रतियों ने नहीं माना। हालांकि, कई जगहों पर लोगों ने प्रशासन की नसीहत को मानते हुए अपने घर के अहाते व छतों पर छठ पूजा की। बैरगनिया शिवालय मंदिर की कंचन गुप्ता ने बताया कि उन लोगों ने भीड़ से बचते हुए पूजा की। घर की छत पर ही अर्घ्य अर्पित किया गया। रुन्नीसैदपुर की स्वाति चौधरी ने कहा कि उन लोगों ने बागमती नदी के मधौल घाट पर पूजा की मगर, भीड़ से अलग रहीं। वहीं शहर से सटे बसबरिया के चोरिया घाट पर भी पूजा हुई। मोनिका साह ने बताया कि मां का आशीर्वाद लेने के लिए मास्क लगाकर घाट तक गईं और तुरंत लौट गईं।