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आस्था, संस्कृति और प्रकृति का प्रतीक छठ पर्व संपन्न

आस्था संस्कृति और प्रकृति के प्रति अदभुत समर्पण का छठ पर्व से बड़ा उदाहरण और नहीं हो सकता।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 01:10 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 01:10 AM (IST)
आस्था, संस्कृति और प्रकृति का प्रतीक छठ पर्व संपन्न
आस्था, संस्कृति और प्रकृति का प्रतीक छठ पर्व संपन्न

सीतामढ़ी। आस्था, संस्कृति और प्रकृति के प्रति अदभुत समर्पण का छठ पर्व से बड़ा उदाहरण और नहीं हो सकता। चार दिवसीय महापर्व छठ शनिवार सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। जिलेभर में छठी मैया के भक्तों ने भगवान सूर्य को सुबह का अ‌र्घ्य अर्पण किया और इसी के साथ महापर्व संपन्न हुआ।चार दिनों तक चलने वालायह उत्सव वास्तव में अदभुत है इसमें उद्यमान सूर्य और डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत करना एक कठिन तपस्या है। सामूहिकता, सादगी और पवित्रता का प्रतीक तो है ही इसमें लोक संस्कृति की अनूठी झलक भी देखने को मिलती है। हर तरफ आस्था का सैलाब यहीं बयां कर रहा था। सभी धर्मों के लोगों ने इस पर्व में एक-दूसरे को सहयोग किया, हाथ बंटाया और साम्प्रदायिक सौहार्द की अदभुत मिसाल पेशकी। कोरोना वायरस ने भी इस पर्व के आगे मानो घुटने टेक दिए। प्रकृति के अंतिम स्वरूप और ऊर्जा के अक्षुण्ण स्त्रोत सूर्योपासना का महापर्व छठ सबके घर-आंगन में धन-धान्य, सुख-शांति, आनंद, समृद्धि लेकर आए, छठी मइया संबल, सद्बुद्धि और संयम दें तथा कोरोना संकट से सबकी सुरक्षा करे इन्हीं कामनाओं के साथ छठी मैया को विदाई दी। कई लोगों ने घर की छत पर ही सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। उधर, छठी मैया के कुछ घाटों पर रात भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा। हालांकि, लोगों ने कोरोना महामारी को देखते हुए कोविद-19 प्रोटोकॉल का भी पालन किया। इससे पहले लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन शुक्रवार शाम ढलते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया। शहर के लखनदेई नदी के विभिन्न घाटों, जानकी स्थान स्थित पोखर, वैदेहीनगर स्थित पोखर, रीगा रोड स्थित माईजी के पोखर, पुनौराधाम स्थित पोखर में व्रतियों अ‌र्घ्य दिया। उधर, डुमरा के कैलाशपुरी घाट, बड़ी बाजार घाट, पासवान चौक, मथुरा स्कूल, पुनौरा थाना, गोशाला चौक, सिरौली, मेहसौल चौक, आजाद चौक, कारगिल चौक आदि स्थानों पर भी पूजा-अर्चना की गई। चारों ओर छठ के गीत से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। अपराह्न तीन बजते ही व्रती एवं उनके स्वजन दउरा लेकर घाटों पर पहुंचने लगे थे। कई मोहल्लों में लोग अपने घरों की छत व दरवाजे पर कृत्रिम घाट का निर्माण कर अ‌र्घ्य दिए। राजोपट्टी शिवमंदिर के प्रांगण में ही कृत्रिम तालाब बनाकर स्थानीय लोगों ने भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दी।

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--------------------------------- छठ पूजा के लिए 404 मजिस्ट्रेट व पुलिस अफसर रहे तैनात शांतिपूर्ण, सौहाद्रपूर्ण एवं सुरक्षित छठ पूजा के लिए जिले भर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। 404 दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति का जिला प्रशासन ने दावा किया है। साथ ही पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त गश्तीदल एवं क्विक रिस्पांस टीम भी गठित कर रखने की बात कही है। सभी 17 प्रखंडों के लिए वरीय पदाधिकारियों को प्रखंडों का नोडल पदाधिकारी बनाकर तैनात किया गया था। विधि-व्यवस्था के आलोक में पूरे जिले को तीन भागों में बांटकर अपर समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी को उसकी जवाबदेही दी गई थी। समाहरणालय में जिला नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गईं थी। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 06226-250316 सार्वजनिक किया गया था। ताकि, आपातकालीन सूचना प्रशासन को दी जा सके।


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