अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के हाथों मुआवजे में मिला चेक बाउंस
सीतामढ़ी। छठ पूजा के दौरान घाट की सफाई करते हुए लखनदेई नदी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई थी। मृतक आकाश कुमार के स्वजनों को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह प्रभारी मंत्री जमा खान के द्वारा मुआवजे के रूप में चार लाख की राशि का चेक दिया गया।
सीतामढ़ी। छठ पूजा के दौरान घाट की सफाई करते हुए लखनदेई नदी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई थी। मृतक आकाश कुमार के स्वजनों को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सह प्रभारी मंत्री जमा खान के द्वारा मुआवजे के रूप में चार लाख की राशि का चेक दिया गया। जो बाउंस हो गया। मामला सामने आने पर हर कोई यही सवाल कर रहा कि सरकारी चेक आखिर कैसे बाउंस हो सकता। पिछले साल 25 नवंबर को नदी में डूबने से दो भाइयों की मौत हो गई थी। मंत्री ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए के मुआवजे का चेक सौंपा था। चेक देते हुए फोटो खींचवाई गई और मंत्री के द्वारा बताया गया कि विपदा की ऐसी घड़ी में सरकार साथ है। मृतक राजकुमार के स्वजनों को चेक मिलने के बाद बैंक ने उसका भुगतान कर दिया, लेकिन मृतक आकाश कुमार के परिजन को मिले चेक का भुगतान नहीं हो पाया। आकाश की मां पिकी कुमारी ने कहा कि 25 नवंबर, 2021 को मुआवजे का चेक मंत्री के हाथों मिला था। बैंक में चेक जमा करने के बाद बाउंस होकर वापस आ गया। अंचल कार्यालय को इस बारे में कई बार शिकायत की गई लेकिन चेक क्लियर नहीं हो पाया। वहीं, अंचलाधिकारी चंद्रजीत प्रकाश ने कहा कि प्रभारी मंत्री जमा खान ने तीन परिवारों को चार-चार लाख की राशि के चेक दिए थे। जिनमें दो चेक का भुगतान हो गया। आवंटन नहीं होने के कारण एक चेक के भुगतान में देरी हुई है। उधर, डीएम के हवाले से डीपीआरओ परिमल कुमार ने कहा कि तकनीकी कारणों से ऐसा हुआ होगा। यह कैसे संभव है कि सरकार का महज चार लाख रुपये का चेक बाउंस कर जाए। इसको राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। डीपीआरओ ने कहा कि एसडीओ सदर राकेश कुमार के हवाले से डीएम को जैसे ही यह सूचना मिली उन्होंने तुरंत बैंक व ट्रेजरी ऑफिसर से जानकारी ली और 24 घंटे के अंदर चेक का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। बावजूद, नेताओं को राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मौका मिल गया है। जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष शम्स शाहनवाज ने कहा कि प्रभारी मंत्री जमा खान ने पीड़ित परिवार की भावना से खिलवाड़ किया। उन्हें चेक देने से पहले यह पता कर लेना चाहिए था कि सरकारी खाते में उतनी राशि है या नहीं।