उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ चैती छठ का समापन
सीतामढ़ी। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का समापन मंगलवार को हो गया।
सीतामढ़ी। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व चैती छठ का समापन मंगलवार को हो गया। इसे लेकर अहले सुबह से व्रती एवं उनके स्वजन जग गए थे। कोरोना महामारी को लेकर इस बार नदी व तालाब के घाटों पर जाने की हड़बड़ी नहीं थी। ऐसे घरों व गली-मोहल्ले छठ गीतों से गुंजायमान हो रहे थे। शहर समेत जिले के विभिन्न जगहों पर व्रतियों ने कृत्रिम पोखर में भक्तिभाव से अर्घ्य देकर अपनी श्रद्धा निवेदित की। ग्रामीण इलाके में कुछ जगहों पर नदी व तालाब के घाटों पर इक्का-दुक्का व्रती पहुंचकर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ चार दिवीय इस व्रत का समापन हो गया। शहर एवं जिला मुख्यालय डुमरा के विभिन्न मोहल्लों में लोग अपने घरों की छत एवं दरवाजे पर कृत्रिम घाट का निर्माण कर अर्घ्य दिया। इसी घाट को व्रतियों के स्वजनों ने सजाया-संवारा गया था। कई मोहल्लों में दो-चार परिवार मिलकर एक ही जगह घाट बना कर छठ किया। लेकिन इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन किया।
सुप्पी: कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के जमला बागमती नदी घाट, ससौला, नरहा, बड़हरवा, अख्ता, ढेंग, मोहनीमण्डल, कोठिया राय समेत अन्य गांवों में तलाव व दरवाजे पर पानी की व्यवस्था कर आस्था के महापर्व चैती छठ पूजा को लेकर घाट को सजाया गया था। जहा छठव्रतियों ने डाला रख कर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया।
चोरौत : आस्था का महापर्व छठ प्रखंड के नीमबाड़ी स्थित तालाब, पहाड़ी मंदिर तालाब, यदुपट्टी, बररी बेहटा, पड़ीगामा, भंटाबारी सहित दर्जनों श्रद्धालुओं ने घर की छत व आंगन में बने घाट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया। इस दौरान व्रतियों और श्रद्धालुओं ने विश्व में महामारी का रूप लिए कोरोनावायरस को खत्म होने के लिए प्रार्थना की। घाटों पर श्रद्धालु फिजिकल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा ।