चीनी सामान का बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाने से ही मिलेगी आर्थिक मजबूती
सीतामढ़ी। लद्दाख के गलवन घाटी में हिसक झड़प में 20 से अधिक भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में चीन के प्रति गुस्सा है।
सीतामढ़ी। लद्दाख के गलवन घाटी में हिसक झड़प में 20 से अधिक भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में चीन के प्रति गुस्सा है। लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह चीन को मुंहतोड़ जवाब दे। चीन के कब्जे का भू-भाग वापस चाहिए। इसके बाद ही सीमा विवाद खत्म होगा। वही, लोगों ने चीन निर्मित सामान से तौबा करने का फैसला लिया है। इसके लिए हम सभी संकल्पित होना होगा। चीनी सामान का बहिष्कार और स्वदेशी को अपनाने से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा।
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चीन हमेशा धोखाधड़ी कर पीठ पीछे वार किया है। जिसका जवाब भारतीय सेना के जांबाज हमेशा देते रहे हैं। वर्तमान समय में भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति को संभालने में सशक्त और मजबूत है। हमें चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए और स्वदेशी आंदोलन में सहयोग करना चाहिए।
--- अशोक कुमार साह,पूर्व सैनिक हमारे रोजमर्रा की जिदगी में आधे से ज्यादा चाइनीज समान का उपयोग हो रहा है। हम सभी देशवासी चीनी निर्मित वस्तु का बहिष्कार करेंगे तब भारत आत्मनिर्भर होगा और आर्थिक स्थिति भी सशक्त होगी।
-- प्रेम कुमार, छात्र, राजोपट्टी।
हम चाइना के सामान का बहिष्कार करेंगे कोई भी ऐसा सामान नहीं खरीदेंगे जो चीन निर्मित हो। हम भारतवासी यह ठान लें की हमें चाइना को आर्थिक मोर्चे पर परास्त करना है तो स्वदेशी सामान का उपयोग करें। स्वदेशी सामान के उत्पादन के लिए सरकार भी लोगों को प्रोत्साहित करे।
अबजद रजा बोखारी, छात्र। लद्दाख के गलवान घाटी में हिसक झड़प में देश को जो क्षति हुई है उसे हम कभी नहीं भुला पाएंगे । यही सही समय है कि हमारे देश के बहादुर जवानों का बलिदान व्यर्थ न जाने दे। केंद्र सरकार ने 59 चीनी एप को भारत में बैन कर बेहतर काम किया है। हम चीनी समान को छोड़ कर स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने लगे तो भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
-- विनायक शर्मा, छात्र (पुपरी)
रीडर कनेक्ट: चाइनीज सामान के बहिष्कार को लेकर अपनी राय वाटसएप नं. 8538911476 पर दे सकते हैं।