प्रशासन की बेरुखी, अब भगवान ही सहारा
सीतामढ़ी। जिले के डुमरा प्रखंड के मेथौरा गांव में पीसीसी सड़क के जमीन से ऊपर उठने टूटने और धंसने के जारी दौर के बीच प्रशासन की बेपरवाही से त्रस्त लोगों ने अब खुद को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है।
सीतामढ़ी। जिले के डुमरा प्रखंड के मेथौरा गांव में पीसीसी सड़क के जमीन से ऊपर उठने, टूटने और धंसने के जारी दौर के बीच प्रशासन की बेपरवाही से त्रस्त लोगों ने अब खुद को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है। सड़क से उत्पन्न थ्रिल, हॉरर और सस्पेंस लोगों में दहशत का कारण बन कर उभरा है। प्रशासनिक टीम वेट एंड वॉच मोड में है। जबकि, दहशतजदा लोगों ने सड़क के पास दिवाकर वात्स्यायन के बाजार की जमीन पर दो दिवसीय अष्टयाम की शुरूआत कर दी है। ग्रामीण भजन-कीर्तन में लग गए हैं। गुरुवार को पूरे दिन इलाका सीताराम के जयघोष से गूंजता रहा। जबकि दहशतजदा लोग सड़क से गुजरने से परहेज कर रहे हैं। पिछले 48 घंटे के भीतर मेथौरा गांव में सड़क तीन बार जमीन से ऊपर उठ कर ग्रामीणों के दहशत का कारण बन गई है। मंगलवार से ही मेथौरा स्कूल के पास खड़का-प्रेमनगर पीसीसी सड़क के अचानक ऊपर उठने, टूटने और सड़क में दरार पड़ने तथा फिर सड़क के धंसने का दौर जारी है। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद प्रशासनिक टीम भी कई बार गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा ले चुकी है। हालांकि, अब तक वजह तलाशने की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। मुखिया राजेश वात्सयान, पूर्व पंसस विष्णुदेव सिंह, अधिवक्ता हरिओम शरण नारायण, डॉ. सत्येंद्र कुमार, हिरामन महतो, बैजू महतो, टूनी लाल साह, नंदू सहनी, कैलाश दास, राम किशोर साह, भोला साफी, रामप्रीत महतो, गोनौर सहनी, सोगारथ सहनी, रामनंदन सहनी, ब्रह्मदेव महतो और राम दयाल महतो आदि लोगों ने बताया कि इलाके की अब तक की यह अजीबोगरीब वारदात है। इससे पहले किसी ने भी इस तरह की घटना नहीं देखी थी। अधिकारियों ने तीन-चार दिनों तक प्रतीक्षा की बात कही है। लेकिन, सड़क के उठने और धंसने का क्रम जारी रहने से लोगों में दहशत का माहौल है।