प्रशासनिक लापरवाही ने निगली कई परिवारों की खुशियां
बैरगनिया प्रखंड अंतर्गत बागमती नदी की धाराएं मंगलवार को एक बार फिर कातिल साबित हुई।
सीतामढ़ी। बैरगनिया प्रखंड अंतर्गत बागमती नदी की धाराएं मंगलवार को एक बार फिर कातिल साबित हुई। दशकों से सैकड़ों की जिदगी निगलती बागमती नदी मंगलवार को फिर एक साथ कई घरों की खुशियां निगल गई। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आस्था का स्नान कई परिवारों के लिए अमंगलकारी साबित हुआ। सुबह तकरीबन साढ़े पांच बजे स्नान के दौरान बैरगनिया प्रखंड अंतर्गत नंदबारा पंचायत के वार्ड दो बेंगाही निवासी उमेश मिश्र के पुत्र प्रकाश कुमार मिश्र (22) की डूबने से मौत हो गई। प्रकाश का शव बरामद कर लिया गया। परिजन कलेजा पीट रहे थे। पिता उमेश मिश्र, मां उषा देवी और पत्नी किमी देवी बदहवास थीं। प्रकाश दो बेटियों का पिता था। बड़ी पुत्री मनू चार साल की है, जबकि छोटी रूपा की उम्र दो साल है। साल 2013 में प्रकाश की शादी हुई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर परिजन को शव सौंप दिया। प्रशासन द्वारा परिजन को कबीर अंत्येष्टि योजना और पारिवारिक योजना का लाभ दिया गया है।
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राहुल और दीपक के लापता होने से परिजन बदहवास
बैरगनिया (सीतामढ़ी) संस : बैरगनिया प्रखंड के बेंगाही पश्चिमी घाट पर हुए हादसे में दो युवक अब भी लापता हैं। इनमें मुसाचक पंचायत निवासी पत्रकार कृष्ण झा के पुत्र राहुल कुमार झा और नेपाल के सर्लाही जिले के बेलवा निवासी जटाशंकर मिश्र का पुत्र दीपक कुमार शामिल है। राहुल जन वितरण प्रणाली का विक्रेता है। देर शाम तक परिजन नदी की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे थे। लेकिन, तमाम उम्मीदों पर पानी फिर गया। पुत्र के गम में पिता कृष्ण झा बदहवास नजर आ रहे थे। यहीं हाल जटा शंकर मिश्र का है। उनका पुत्र दीपक भी बैरगनिया स्थित अपने ननिहाल में आया था। इस हादसे में जान बचाने में कामयाब और जख्मी होकर अस्पताल में भर्ती सुधांशु कुमार अपने ननिहाल में आया था। इस दौरान वह अपने ममेरे भाई राहुल और उसके साथियों के साथ स्नान करने गया था। इस हादसे में उसकी जान बच गई। लेकिन, राहुल की बरामदगी नहीं होने से वह बदहवास है।
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प्रशासनिक बेपरवाही बनी हादसे की वजह
बैरगनिया (सीतामढ़ी): एसडीआरएफ की तीन टीमों की लाख कोशिशों के बावजूद बागमती नदी में डूबने वाले दो युवकों का शव देर शाम तक बरामद नहीं हो सका। इसके चलते डूबे युवकों के घर में कोहराम मचा हुआ है। हालांकि, इस हादसे का जिम्मेदार कौन? इस पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह पहला मौका नहीं है जब बागमती नदी ने किसी की जिदगी निगली है। साल दर साल होते हादसों और बाढ़ के दौरान लोग अकाल मरते रहे हैं। हालांकि, मंगलवार को हुए हादसे के लिए निश्चित रूप से प्रशासन जिम्मेदार है। वजह हजारों की उमड़ने वाली भीड़ के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। हादसे के सवा चार घंटे बाद प्रशासनिक स्तर पर बचाव कार्य शुरू हुआ। हालांकि, एसडीओ सदर कुमार गौरव, एसडीपीओ सदर डॉ. कुमार वीर धीरेंद्र, इंस्पेक्टर अनिल कुमार शर्मा, थानाध्यक्ष गौरीशंकर बैठा समेत प्रशासनिक टीम सूचना के बाद मौके पर पहुंच गई, लेकिन एसडीआरएफ टीम के विलंब से पहुंचने के कारण शवों की तलाश प्रभावित हुई।
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मृतक के परिजन को मिलेगा आपदा राहत का लाभ
सीतामढ़ी : डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने बैरगनिया और चोरौत में हुए हादसे पर दुख जताया है। कहा है कि हादसे में मृत युवकों के परिजन को आपदा राहत कोष से लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी जानकारी डीपीआरओ परिमल कुमार ने दी है।