आम के मंजर में 50 फीसद गिरावट, निकल रहे टिकोले
चोरौत में पिछले वर्ष के मुकाबले आम के मंजर में काफी कमी हुई है। किसानों का अनुमान था कि इस बार आम की उपज अच्छी होगी। हालांकि अभी मंजर से टिकोले आना शुरू हो गया है।
सीतामढ़ी। चोरौत में पिछले वर्ष के मुकाबले आम के मंजर में काफी कमी हुई है। किसानों का अनुमान था कि इस बार आम की उपज अच्छी होगी। हालांकि अभी मंजर से टिकोले आना शुरू हो गया है। फलदार पौधों के वैज्ञानिक के अनुसार मंजर लगने में 50 फीसद की गिरावट हुई है। इस वर्ष बाजार में आम की कमी होने से मूल्य में वृद्धि होने का अनुमान लगाया जा रहा है। पचास वर्ष पुराने पेड़ों पर खास ध्यान रखने की जरूरत है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आम में नैसर्गिक गुण होता है। इस कारण वह एक साल के अंतराल पर फल देता है। किसानों की अनदेखी के कारण पेड़ पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है। जब पेड़ पर फल लगे होते हैं उसी समय तक इससे मतलब रखते हैं। फल टूटने के बाद महीनों बगीचे में नहीं जाते। अधिकतर पेड़ों को पूरा पोषकतत्व नहीं मिल पाता है। जब पेड़ 30 साल से अधिक का हो जाता है तब उसपर खास ध्यान देने की जरूरत है। इस संबंध में फलदार पेड़ के वैज्ञानिक डॉ. मनोहर पंजीकार ने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए किसानों को सितम्बर-अक्टूबर में आम के बगीचों की जुताई कर सिगल सुपरफास्फेट, पोटाश व बर्मी कम्पोस्ट को डालना चाहिए। जिससे पेड़ों का समुचित विकास हो सके । मंजर आने से पहले पेड़ों पर एक लीटर पानी में तीन ग्राम बोरन का स्प्रे करना चाहिए। स्प्रे के एक सप्ताह के बाद ही पेड़ों मे एक समान मंजर देखने को मिलेगा। मंजर का दुश्मन मधुवा होता है। एक लीटर पानी मे एक एमएल इनीडा क्लोप्रीन, आधाग्राम डेविटीन को मिलाकर छिड़काव करने से मधुवा का संक्रमण नहीं होता है। जब आम सुपारी के आकार का हो तो उस समय साढ़े चार लीटर पानी में एक लीटर प्लानोफिट का छिड़काव करना चाहिए। जमीन में नमी न हो तो सिचाई पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे आम की पैदावार अच्छी रहेगी। इस समय मंजर में टिकोले आना शुरू हो गया है जो मटर से सामान है।