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28 फागिग मशीनें किस काम की, मच्छरों ने छीना आम शहरी का सुख-चैन

सीतामढ़ी। मौसम में बदलाव के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। हाल यह है कि रात में कौन कहे दिन में भी ये मच्छर जीना मुहाल कर देते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Oct 2021 11:37 PM (IST)Updated: Sun, 31 Oct 2021 11:37 PM (IST)
28 फागिग मशीनें किस काम की, मच्छरों ने छीना आम शहरी का सुख-चैन
28 फागिग मशीनें किस काम की, मच्छरों ने छीना आम शहरी का सुख-चैन

सीतामढ़ी। मौसम में बदलाव के साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। हाल यह है कि रात में कौन कहे, दिन में भी ये मच्छर जीना मुहाल कर देते हैं। ऐसे समय में नगर निगम की ओर से फागिग नहीं कराई जा रही है। सामने दिपावली व छठ का त्योहार है। घरों की साफ-सफाई के साथ ही अगर फागिग हो जाती तो लोगों को राहत मिलती। मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ा हुआ है। प्रकोप से मच्छरजनित बीमारियों का खतरा अलग है। नगर के विभिन्न मोहल्लों में लंबे अर्से से फॉगिग नहीं कराए जाने से मच्छरों की आबादी तेजी से बढ़ी है। जिसका खामियाजा नगरवासी भुगत रहे हैं। सीतामढ़ी नगर परिषद अब नगर निगम में तब्दील हो गया है। नगर निगम का क्षेत्र तो बढ़ा लेकिन, सांसाधनों में बढ़ोत्तरी नहीं हो पाई है। जिस कारण बरसात के मौसम में कुछ मोहल्लों को छोड़ अधिकतर मोहल्ले जलजमाव से जूझ रहे थे। हालांकि, बरसात थमने के बाद इन इलाकों से पानी तो खत्म हुआ लेकिन, मच्छरों का प्रकोप सता रहा है। इससे मलेरिया, कालाजार और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ा हुआ है। बीते छह माह में कालाजार उन्मूलन के नाम पर छिड़काव जरूर हुआ लेकिन, फलाफल कुछ खास नहीं रहा। कह सकते हैं कि मच्छररोधी दवा शायद असरदार नहीं रही या मच्छर भी जिद्दी किस्म के होंगे। पहले नगर के 28 वार्ड के लिए अलग-अलग 26 छोटी फागिग मशीन और दो बड़ी मशीन हुआ करती थीं। लेकिन, हमेशा उपयोग में नहीं आने से कई खराब हो गईं। करीब एक वर्ष पूर्व कुछ मशीनों की मरम्मत करा फॉगिग कराई गई थी। उसके बाद गाहे-बगाहे कुछ वार्डों में फागिग हो पाई। इधर छह माह से अधिक समय से फागिग नहीं हो रही है। विशेषज्ञों की मानें तो फागिग मशीन को सूर्योदय व सूर्यास्त के समय कुछ देर के लिए ही चलाया जाता है। यह समय मच्छरों की ब्रीडिग का समय होता है और इसी समय मच्छर जल्दी मरते हैं। नगर निगम की लचर व्यवस्था से नगर में फागिग नहीं हो पा रही है। जिससे मच्छरों की आबादी में बेतहाशा वृद्धि हो गई है और नगरवासी इसके प्रकोप से हलकान हैं।

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क्या कहते हैं लोग:

भवदेपुर मेला रोड निवासी राजकुमार का कहना है कि क्षेत्र में फागिग हो भी जाए तो भी मच्छरों पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। जब तक धुआं रहता है तब तक ही मच्छर भागते हैं और फिर आ जाते हैं। इसके लिए साफ-सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना होगा।

वार्ड 26 के अजय कुमार का कहना है कि इस इलाके में फागिग लंबे समय से नहीं हो सकी है। जब तक मच्छरों के पनपने की जगह जमा पानी की निकासी और नालियों को दुरुस्त नहीं किया जाएगा मच्छरों पर नियंत्रण संभव नहीं है।

वार्ड 18 के कृष्ण कुमार ने कहा कि कभी-कभार फागिग होती है। लेकिन, कुछ ही इलाके में। इससे कोई खास फायदा नहीं होता। सबसे पहले तो नगर निगम को नालियों की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी।

दीपावली के पहले शुरू हो जाएगी फागिग

नगर निगम के पास पूर्व से उपलब्ध फागिग मशीनों में से अधिकतर खराब हो गई थीं। जिसे दुरुस्त करा लिया गया है। दीपावली से पूर्व नगर निगम क्षेत्र में फागिग शुरू करा दी जाएगी। पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो जाने पर फागिग का कार्य हमेशा चलाया जाएगा। अभी दीपावली व छठ पर्व को लेकर साफ-सफाई की व्यवस्था युद्धस्तर पर चलाई जा रही है।

मुमुक्षु चौधरी, नगर आयुक्त, सीतामढ़ी।

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