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भू-जलस्तर में दो से तीन इंच की गिरावट, जल संकट को ले प्रशासन तैयार

सीतामढ़ी। हिमालय के तलहटी में नेपाल सीमा से सटे सीतामढ़ी जिले में पानी की किल्लत का सामना नहीं के बराबर है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 12:19 AM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 06:39 AM (IST)
भू-जलस्तर में दो से तीन इंच की गिरावट, जल संकट को ले प्रशासन तैयार
भू-जलस्तर में दो से तीन इंच की गिरावट, जल संकट को ले प्रशासन तैयार

सीतामढ़ी। हिमालय के तलहटी में नेपाल सीमा से सटे सीतामढ़ी जिले में पानी की किल्लत का सामना नहीं के बराबर है। हालांकि, प्रशासनिक उदासीनता के कारण विभिन्न स्थानों पर चापाकल बेकार पड़े हैं, वहीं हर घर योजना भी अधर में है। बावजूद इस जिले में सभी स्थानों पर पानी उपलब्ध है। निजी स्तर व प्रशासनिक चापाकल के कारण पानी की किल्लत से लोगों को परेशान नहीं होना पड़ रहा है। जिले के भू-जलस्तर भी तपीश के बावजूद महज दस फीट से 20 फीट पर स्थिर है। पीएचइडी विभाग की सर्वे रिर्पोट के आलोक में जिले में मई में महज दो से तीन इंच की जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। इधर प्रशासन भी पानी की किल्लत की स्थिति का सामना करने को ले चौकस है। 11 वार्डो में 29 सरकारी चापाकल

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डुमरा नगर पंचायत के 11 वार्डों में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर 29 चापाकल गाड़े गए हैं। इसके साथ ही पांच स्थानों पर समरसिबल पंप भी लगाया गया है। भू-जलस्तर कम होने के बाद भी यहां के निवासी भी आसानी से घरों में चापाकल व पंप से पानी प्राप्त कर लेते हैं। विभागीय आकड़े के अनुसार डुमरा में मई में मात्र दो इंच ही भू-जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। नगर प्रबंधक अरविद कुमार ने बताया कि नगर पंचायत पानी के किल्लत की समस्या से निबटने के लिए तैयार है। चार पानी टंकी को तैयार रखा गया है। इसके साथ ही तीन सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ बनाया गया है। महीनों से खराब पड़ा चापाकल

बथनाहा(सीतामढ़ी) संस : सहियारा बाजार के समीप मध्यविद्यालय परिसर में लगे चापाकल महीनों से खराब है। इसके कारण स्कूली बच्चों के साथ ही स्थानीय व्यवसायियों व राहगीरों को भी इस भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालांकि इस संबंध में लोगों द्वारा कई बार शिक्षक व स्थानीय जनप्रतिनिधि को भी शिकायत की गई, लेकिन उनकी उदासीनता के कारण चापाकल बेकार व नकारा ही बना रहा।


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