151 बरुआ का सामूहिक उपनयन संस्कार
पुनौराधाम कामिनी विवाह भवन परिसर में बुधवार को ब्रह्मर्षि विकास मंच व श्री कृष्ण जागृति मंच न्यास की ओर से सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया।
सीतामढ़ी। पुनौराधाम कामिनी विवाह भवन परिसर में बुधवार को ब्रह्मर्षि विकास मंच व श्री कृष्ण जागृति मंच न्यास की ओर से सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया। इसमें सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के विभिन्न गांव से आए 151 बरुआ का सामूहिक उपनयन संस्कार किया गया। समारोह का उद्घाटन पुनौराधाम जानकी मंदिर के महंत कौशल किशोर दास, राजेंद्र सिन्हा, डॉ.राजीव कुमार काजू, डॉ.वैद्यनाथ, मनोज सिंह, भानू प्रसाद सिंह, रमेश शुक्ला, कृष्ण विनोद ठाकुर, अरुण सिंह व उपेंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि महंत कौशल किशोर ने कहा कि वर्तमान समय में अपव्यय व आडंबर से समाज को बचाते हुए सामूहिक उपनयन संस्कार किया जाना सराहनीय कदम है। इस कार्य में समाज के विभिन्न लोगों से आर्थिक सहयोग लिया गया। आचार्य विद्यानंद पांडेय ने उपनयन संस्कार संपन्न कराया। कहा कि यज्ञोपवित बालक को तब देना चाहिए जब उसकी बुद्धि और भावना इतनी विकसित हो जाए और वह संस्कार के प्रायोजन को समझ सके। उत्साहपूर्वक उनके निर्वहन में लग जाए। व्रतों से बंधे बिना मनुष्य का उत्थान संभव नहीं है। यज्ञोपवित में नौ धागे नौ गुणों का प्रतीक है। यज्ञोपवित भारतीय धर्म के पिता हैं और गायत्री संस्कृति की माता हैं। यज्ञ पिता के कंधे पर और गायत्री माता को हृदय में एक साथ धारण किया जाता है। गायत्री प्रत्येक भारतीय धर्मानुयायी का गुरु मंत्र है। उसे यज्ञोपवित के समय ही धारण करना चाहिए। इस अवसर पर शारीरिक व आर्थिक रूप से सहयोग करने वाले पुरोधाओं को शॉल व माला पहना कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में विमल परिमल, राजेंद्र सिन्हा, उपेंद्र चौधरी, ओमप्रकाश, मुकेश ठाकुर, नागेश्वर सिंह, मुखिया मुन्ना मिश्रा, पंकज मिश्रा, प्रो.चंदेश्वर सिंह विकल, रामनिहोरा ठाकुर, अधिवक्ता रामहृदय मोहन, भानू प्रसाद सिंह, डा.नवल किशोर शाही, एके ठाकुर, समीर सिंह, अमित चौधरी, अखिलेश्वर शुक्ला, त्रिपुरारी सिंह, सोहन सिंह, नागेश्वर सिंह व हरि सिंह सहित 51 लोग शामिल थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वयंसेवक राकेश टुन्ना, आलोक कुमार, रजनीश कुमार, दीपक कुमार, राजेश मोहन शर्मा, अभिनव कुमार, सोहन सिंह, केशव सिंह, अशोक शर्मा, मनोज सिंह, अखिलेश ठाकुर, भूषण कुमार शर्मा, अशोक शर्मा, शिवनाथ सिंह व अखिलेश्वर शुक्ला आदि का सराहनीय योगदान रहा।