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351 नलकूपों में 129 बंद, अब पंचायतों को दी जा रही संचालन व रखरखाव की जवाबदेही

खेतों में रबी फसल लहलहा रही है, लेकिन कम खर्च में ¨सचाई उपलब्ध कराने को लेकर स्थापित राजकीय नलकूप इस बार भी किसान के खेतों में पानी के लिए नकारा ही साबित हुए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 01:20 AM (IST)
351 नलकूपों में 129 बंद, अब पंचायतों को दी जा रही संचालन व रखरखाव की जवाबदेही
351 नलकूपों में 129 बंद, अब पंचायतों को दी जा रही संचालन व रखरखाव की जवाबदेही

सीतामढ़ी। खेतों में रबी फसल लहलहा रही है, लेकिन कम खर्च में ¨सचाई उपलब्ध कराने को लेकर स्थापित राजकीय नलकूप इस बार भी किसान के खेतों में पानी के लिए नकारा ही साबित हुए। कहीं बिजली के कारण तो कहीं नाला के कारण राजकीय नलकूप से परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राय: स्थानों पर नलकूप ऑपरेटर के नहीं रहने से बंद पड़ा है। जिले में कुल 351 नलकूपों में 129 नलकूप बंद ही पड़े रहे। वहीं किसानों को निजी नलकूपों से अधिक राशि देकर खेत की ¨सचाई करनी पड़ रही है। इधर, विभाग द्वारा नलकूप पंचायत को सौंपने की तैयारी की जा रही है। सभी पंचायत को इसके लिए अलग से खाता खोलने की बात कही गई है। अब राजकीय नलकूप का संचालन और रखरखाव पंचायत द्वारा ही किया जाना है। जिले में नलकूप की वर्तमान स्थिति जिले में चार चारण में राजकीय नलकूपों की स्थापना की गई थी। सबसे पहले 177 नलकूप गाड़े गये थे। इन पुराने नलकूपों में वर्तमान में 116 चालू हैं वहीं 61 बंद है। इसके बाद फेज तीन के तहत दस की स्थापना हुई थी, जिनमें दो ही चालू है और आठ बंद हैं। इसी प्रकार फेज 8 में गाड़े गए 60 में 43 चालू हैं। 17 बंद है। वहीं फेज 11 के 104 में कुल 61 चालू हैं और 43 बंद हैं। चार फेज में गाड़े गए कुल 351 नलकूपों में 298 को बिजली आपूर्ति है। वहीं अब तक 53 को बिजली भी नहीं पहुंच सकी है। जबकि बंद पड़े 129 नलकूपों में 49 बिजली के कारण, एक यांत्रिक कारण से, 16 दोनों कारणों से व 63 अन्य कारण ठप है। प्रखंडों में स्थापित नलकूप विभाग से मिली सूची में डुमरा प्रखंड में फेज 11 में 5 नलकूप अंकित है। वहीं चोरौत प्रखंड विभागीय सूची से ही गायब है। इधर, रुन्नीसैदपुर में 26 नलकूप हैं तो बथनाहा में 21, बोखडा में छह, बाजपट्टी में 31, बैरगनिया में दो, बेलसंड में 15, मेजरगंज में 19, परिहार में 32, परसौनी में 14, पुपरी में 12, रीगा में 30, सोनबरसा में 41, सुप्पी में 22, सुरसंड में 11 व नानपुर प्रखंड में कुल 18 नलकूप हैं। कोट

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विभाग में कर्मियों की कमी है। इससे नलकूपों का सही ढंग से रख-रखाव व क्रियान्वयन मुश्किल है। विभाग द्वारा संयुक्त निदेशक के निर्देश पर अब नलकूप के संचालन व रखरखाव की जवाबदेही पंचायतों को सौंपी जा रही है। सभी मुखिया से इसे लेकर अलग खाता खोलने का आग्रह किया गया है। इसके बाद नलकूप को पंचायत को सौंपा जाना है। खराब नलकूपों के लिए स्टीमेट बनाकर राशि उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन कार्य पंचायत द्वारा ही कराया जाएगा।

----रजीतकांत गुप्ता

कार्यपालक अभियंता, लघु ¨सचाई प्रमंडल, सीतामढ़ी।


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