शेखपुरा में थाने से नौ माह बाद मुक्त हुई व्रजतारा की मूर्ति
शेखपुरा। आखिरकार नौ महीने बाद पुलिस कब्जे से मां व्रजतारा की मूर्ति को शनिवार को मुक्ति मिल गई। पचना के ग्रामीणों ने समिति बनाकर शेखपुरा थाना से इस मूर्ति को गांव ले गए। वसंत पंचमी के बाद इस मूर्ति को गांव में नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
शेखपुरा। आखिरकार नौ महीने बाद पुलिस कब्जे से मां व्रजतारा की मूर्ति को शनिवार को मुक्ति मिल गई। पचना के ग्रामीणों ने समिति बनाकर शेखपुरा थाना से इस मूर्ति को गांव ले गए। वसंत पंचमी के बाद इस मूर्ति को गांव में नवनिर्मित मंदिर में स्थापित किया जाएगा। समिति के प्रमुख कार्यकर्ता तथा 20 सूत्री कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष मनीष कुमार प्रियदर्शी ने बताया पिछले साल मई महीने में पचना के सरस्वती मंदिर से अज्ञात चोरों ने इस मूर्ति को चुरा लिया था। चोरी के के महीने बाद यही मूर्ति गांव के बधार में मिली थी। तब से यह शेखपुरा थाना में पुलिस के संरक्षण में थी। स्थानीय अदालत ने तीन महीने पहले इस मूर्ति को पुलिस संरक्षण से रिलीज करने का आदेश दिया था। बाद में एसपी ने ग्रामीणों की एक समिति बनाकर मूर्ति ग्रहण करने की सलाह दी थी। इसी प्रक्रिया के तहत शनिवार को पुलिस से मूर्ति ग्रहण की गई है। बता दें पिछले साल ही पचना गांव में खोदाई के दौरान 11 सदी की काले पत्थर की यह मूर्ति मिली थी। इतिहास के जानकार प्रो लालमणि विक्रांत के मुताबिक 11 सदी में पाल वंश के शासन काल में शेखपुरा का समूचा इलाका बौद्ध धर्म का भी प्रमुख केंद्र था। बौद्ध धर्म से जुड़े लोग मां व्रजतारा की आराधना करते थे। मनीष प्रियदर्शी ने बताया ग्रामीणों ने अपने सहयोग से मूर्ति के लिए गांव में मंदिर का निर्माण किया है। शनिवार को पुलिस से मूर्ति ग्रहण करने में मनीष प्रियदर्शी के साथ एडी राहुल कुमार,एडी गौतम कुमार,मनोज कुमार,प्रकाश पासवान,पंकज साव,लाला महतो,अनील पांडे सहित कई ग्रामीण थे।