30 लाख की फर्जी निकासी में हरकत में आया विभाग
एचएम तथा डीडीओ विजय पांडे द्वारा 30 लाख रुपये की फर्जी निकासी के मामले में एक साल बाद हरकत में आये विभाग के पीछे मुख्य वजह इस गंभीर मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया जाना बताया गया है।
शेखपुरा । एचएम तथा डीडीओ विजय पांडे द्वारा 30 लाख रुपये की फर्जी निकासी के मामले में एक साल बाद हरकत में आये विभाग के पीछे मुख्य वजह इस गंभीर मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया जाना बताया गया है।
मिली जानकारी में बताया गया कि पिछले साल 23 मार्च को छह शिक्षकों के एरियर के नाम पर 30 लाख रुपया की फर्जी निकासी के मामले में जब विभाग विजय पांडे को निलंबित करके जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग कुंभकरणी ¨नद्रा में सो गया तो जिला के एक सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गा प्रसाद धर ने अ़खबारों के कतरन और जिला कोषागार के पत्र की कापियां सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया। इसी के बाद अधिकारी हरकत में आए।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कइयों पर लटकी तलवार 30 लाख रुपये की फर्जी निकासी में एचएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अब इस मामले से जुड़े कई अन्य पर भी खतरे की तलवार लटक गई है। जानकर लोग इस मामले में कोषागार की भूमिका को संदिग्ध बता रहे हैं। इस बाबत वित्तीय मामले के जानकार एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि हाई कोर्ट के जिस आदेश को आधार बनाकर डीडीओ ने सीधे कोषागार में अपनी चिट्ठी लगाकर 30 लाख रुपये का बिल पास करा लिया वह तकनीकी तौर पर संदिग्ध है। बताया गया कि ऐसे मामलों में डीडीओ के विपत्र के साथ विभागीय नियंत्री पदाधिकारी डीइओ या फिर स्थापना डीपीओ की चिट्ठी रहनी चाहिये थी, मगर यहां कोषागार ने मात्र डीडीओ की चिट्ठी पर ही 30 लाख रुपये की बड़ी राशि की निकासी को अपनी स्वीकृति दे दी। बताया गया कि अब इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हो जाने के बाद कानून के हाथ कई और की गर्दन तक जा सकती है। ----
हाई कोर्ट के आदेश में भी पांडे ने कर डाली छेड़छाड़
छह शिक्षकों के एरियर के नाम पर 30 लाख रुपये की फर्जी निकासी में विजय पांडे ने हाई कोर्ट को भी नहीं बख्शा। सरकार के खजाने से 30 लाख रुपया की चपत लगाने में विजय पांडे ने पटना हाई कोर्ट के आदेश के साथ भी छेड़छाड़ कर डाली। इस बाबत शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि विजय पांडे ने हाई कोर्ट द्वारा जिस सीडब्लूजेसी-15916\2010 को आधार बनाया वह वास्तव में दूसरे शिक्षकों ने दायर किया था। बताया गया कि शेखपुरा जिला के ही चार शिक्षकों मुरारी प्रसाद, रघुवीर ठाकुर, कृष्णमुरारी तथा अमोद ¨सह ने अपने एरियर भुगतान के लिए पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया था। इसी में हाई कोर्ट ने एरियर भुगतान का आदेश जारी किया था। विजय पांडे ने इसी सीडब्लूजेसी के आर्डर की कापी में कलाकारी करके इसे दायर करने वाले शिक्षकों का नाम हटाकर उन छह शिक्षकों का नाम जोड़ दिया, जिनको इस केश से कोई लेना-देना ही नहीं था।