कांग्रेस कार्यालय में तालाबंदी, जिलाध्यक्ष ने डीएम-एसपी से लगाई गुहार
शेखपुरा। जिले में आजादी के आंदोलन तथा उसके बाद जिले की राजनीतिक उठापटक के मूक गवाह रहे कांग्रेस पार्टी के जिला कार्यालय आजाद हिद आश्रम को किसी ने अपनी निजी संपत्ति घोषित कर इसमें ताला लगा दिया है। इस तालाबंदी को लेकर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुंदर सहनी ने डीएम तथा एसपी को अलग-अलग आवेदन देकर कांग्रेस कार्यालय को तालाबंदी से मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
शेखपुरा। जिले में आजादी के आंदोलन तथा उसके बाद जिले की राजनीतिक उठापटक के मूक गवाह रहे कांग्रेस पार्टी के जिला कार्यालय आजाद हिद आश्रम को किसी ने अपनी निजी संपत्ति घोषित कर इसमें ताला लगा दिया है। इस तालाबंदी को लेकर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुंदर सहनी ने डीएम तथा एसपी को अलग-अलग आवेदन देकर कांग्रेस कार्यालय को तालाबंदी से मुक्त कराने की गुहार लगाई है।
कांग्रेस कार्यालय में ताला लगा कर वहां बैठी महिला ममता देवी ने बताया कि एक व्यक्ति के कहने पर उसने मेन गेट में ताला लगाया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सुंदर सहनी ने इस तालाबंदी को ऐतिहासिक आजाद हिद आश्रम को हड़पने की बड़ी साजिश बताया है। यहां यह बताना जरूरी है कि छह महीने पहले सुंदर सहनी को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही कार्यालय को लेकर विवाद शुरू हो गया था। इसके पहले राजो सिंह के पौत्र और पुत्रवधु जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। 1990 के दशक में जब राजो सिंह से अलग दूसरे गुट ने रामनरेश सिंह को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया था तब भी इसी तरह की स्थिति खड़ी हुई थी। राजो सिंह के निकट रहे पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि कांग्रेस के नाम पर यह संपत्ति है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है, मगर इसको राजो सिंह ने बनाया है।
जदयू विधायक ने कहा, हमारे पिता व दादा की संपत्ति : कांग्रेस के जिला कार्यालय आजाद हिद आश्रम में तालाबंदी पर राजो सिंह के पौत्र तथा बरबीघा के जदयू विधायक सुदर्शन कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे अपने पिता व दादा की संपत्ति बताया है। सुदर्शन कुमार ने फोन पर बताया कि यह भवन और इसका पूरा परिसर कभी भी कांग्रेस कार्यालय रहा ही नहीं है। यह हमारे दादा पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद राजो बाबू की संपत्ति है। वे अपने राजनीतिक जीवन के दौरान यहां बैठकर लोगों से मिलते-जुलते थे। वे इस स्थान को अपने कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करते थे। यह स्थान कांग्रेस कार्यालय नहीं, बल्कि आजाद हिद आश्रम है। जदयू विधायक ने इस मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर बेमतलब मामले को तुल देने का आरोप लगाया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष को सलाह दी है बरबीघा के कांग्रेस कार्यालय से अपनी राजनीति करें। आजाद हिद आश्रम मेरे पिता व दादा की संपत्ति है।