कन्या मध्य विद्यालय के छात्राओं ने किया सैनेटरी पैड बैंक का संचालन
अरुण साथी शेखपुरा शेखपुरा जिले के बरबीघा नगर परिषद स्थित पुरानी शहर मोहल्ले में आदश्
अरुण साथी, शेखपुरा:
शेखपुरा जिले के बरबीघा नगर परिषद स्थित पुरानी शहर मोहल्ले में आदर्श कन्या मध्य विद्यालय का संचालन हो रहा है। इसे लोग कन्या पाठशाला के नाम से भी जानते हैं। यहां के छात्राओं का स्कूली संगठन मीना मंच काफी सक्रिय है और इसके द्वारा सेनेटरी पैड बैंक का संचालन किया जा रहा है। एक दूसरे की मदद करते हैं छात्राएं
कन्या मध्य विद्यालय में किशोरावस्था के कन्याओं को मासिक के दौरान पैड की जरूरत पड़ती है। यहां मीना मंच के द्वारा सेनेटरी पैड बैंक का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए महिला शौचालय में एक बाक्स लगा दिया गया है। उसमें पैड रखा जाता है। उसमें ताला लगा रहता है। उसकी चाबी मीना मंच के अध्यक्ष के पास रहती है। जिसे पैड की जरूरत होती है वह उनसे संपर्क करती हैं। एक न्यूनतम राशि लेकर उसे पैड उपलब्ध करा दिया जाता है। वहीं महिला शौचालय से ही सेनेटरी पैड के निस्तारण की भी सुचारू व्यवस्था की गई है। शौचालय से एक बड़े आकार के छेद के माध्यम से इसके निस्तारण की व्यवस्था की गई है। एक पाइप के माध्यम से जमीन के अंदर बनाए गए बड़े से गड्ढे में पैड जाकर जमा हो जाता है। स्कूल को मिला स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा जिले के चार स्कूलों का चयन स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए किया गया। इनमें कन्या पाठशाला का नाम भी शामिल है। इस विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिग की भी एक अनोखी पहल की गई है। दरअसल विद्यालय के परिसर में एक बड़ा पुराना कुआं था। वहीं पीने के पानी के लिए यहां बोरिग और नल की व्यवस्था हो गई। पुराने कुआं को वाटर हार्वेस्टिग के लिए उपयोग किया जाने लगा।
- 346 कन्याओं का है यह विद्यालय कन्या मध्य विद्यालय में शहर के 346 कन्याओं के पठन-पाठन का काम होता है। इसके लिए आठ शिक्षकों की यह नियुक्ति है। वहीं चार रसोईया के माध्यम से मध्याह्न भोजन का भी संचालन स्कूल में किया जाता है । शहर के बीचो बीच स्थित इस विद्यालय में कई मोहल्ले के बच्ची पढ़ने के लिए आती है। क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक
इसको लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ने बताया कि बच्चियों की समस्या को समझते हुए उसके निदान के लिए बच्चियों के मीना मंच से विचार-विमर्श कर सैनिटरी पैड बैंक का संचालन किया जा रहा है।
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क्या कहतीं हैं बच्चियां
सिमरन, कीर्ति, बुशरा खान, नसीमा परवीन, अलीमा परवीन, कश्मीरी जिलानी आदि छात्राओं ने बतायी कि यह काफी उपयोगी है। छात्राओं के द्वारा संचालन होने से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।