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बीच नहर में बांध बना देने से खेतों की सिंचाई बाधित, किसान परेशान

शेखपुरा। शेखपुरा जिले में नवादा जिले के वारिसलीगंज के पौरा से होते हुए शेखोपुरसराय बरबीघा और शेखपुरा प्रखंडों के खेतों की प्यास बुझाने वाली बरगैन नहर के बीचोबीच कई जगहों पर बांध बना दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 11:30 PM (IST)
बीच नहर में बांध बना देने से खेतों की सिंचाई बाधित, किसान परेशान
बीच नहर में बांध बना देने से खेतों की सिंचाई बाधित, किसान परेशान

शेखपुरा। शेखपुरा जिले में नवादा जिले के वारिसलीगंज के पौरा से होते हुए शेखोपुरसराय, बरबीघा और शेखपुरा प्रखंडों के खेतों की प्यास बुझाने वाली बरगैन नहर के बीचोबीच कई जगहों पर बांध बना दिया गया है। नियम और कानून को ताक पर रखकर बनाए गए बांध की वजह से निचले हिस्से में पानी नहीं पहुंच पाता है। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है। ऐसे ही मामले की शिकायत किए जाने पर कुछ जगहों से इसे हटाया भी गया।

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क्या है पूरा मामला

बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह की पहल से नहर की खोदाई की गई, जिससे शेखपुरा जिले के शेखोपुरसराय, बरबीघा व शेखपुरा प्रखंडों के हजारों एकड़ खेतों की सिंचाई होती है। इसी के साथ नालंदा जिले के अस्थामा व कतरीसराय प्रखंड खेतों की भी सिचाई इसी नहर से होती है। नहर के मुख्य हिस्से में कई जगहों पर पंचायत प्रतिनिधि मुखिया, जिला परिषद सदस्य आदि द्वारा विभिन्न योजनाओं से पक्का बांध बना दिया जाता है। बांध बना दिए जाने की वजह से नीचे के हिस्से तक पानी नहीं पहुंच पाता और निचले हिस्से में रहने वाले किसानों को भारी नुकसान होता है।

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क्या कहते हैं लोग

इन बांधों की वजह से निचले हिस्से में खेतों के पटवन में व्यवधान होता है। उनके द्वारा पिछले दो सालों से इसके लिए संघर्ष किए जा रहे हैं। कई जगह इसके लिए आवेदन दिया गया जिसके बाद बाजीतपुर, खुंडिया, सुगिया आदि जगहों से बांध को हटा दिया गया है। अब इस बरसात में निचले हिस्से के खेतों में पटवन संभव हो सकेगा। अभी भी कई जगहों पर अतिक्रमण है।

रंजीत कुमार, संघर्ष समिति के संयोजक, खेतलपुरा

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नहर में पिछले कई सालों से पानी नहीं आने से निचले हिस्से की खेतों में सिचाई की व्यवस्था नहीं हो पाती। हम लोगों के धान की फसल को इससे काफी नुकसान होता है। बिहार केसरी के सपने को अधूरा छोड़ दिया गया है। पौरा के पास भी ठीक से व्यवस्था नहीं होने से निचले हिस्से में पानी नहीं आ पाता। बड़े-बड़े बांध नहर में बना दिया गया है। इससे परेशानी है।

डॉ. दीपक कुमार, किसान, केवटी

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नहर पर किसी भी तरह के निर्माण को बगैर नहर विभाग के अनुमति को नहीं किया जा सकता परंतु पंचायत प्रतिनिधि और स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से जगह-जगह इस तरह के निर्माण कर दिया गया। इसी निर्माण में बरबीघा नगर के तेउसाइन पइन पर बड़ा नाला बना दिया गया है जिसमें निचले हिस्से में पानी नहीं जाता। वहीं इस नहर को बरबीघा नगर के नारायणपुर मोहल्ले में भी अतिक्रमण कर पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया है जिससे निचले हिस्से में पानी नहीं जा पाता।

शिवकुमार, समाजिक कार्यकर्ता

-- क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में शिकायत मिलने पर बाजीतपुर, खुड़िया, सुगिया आदि जगहों से नहर के बीच में बनाए गए गैरकानूनी बांध को हटाया गया है। जहां किसानों की शिकायत मिलेगी उन बांधों को प्रशासन द्वारा हटाया जाएगा और खेतों की सिचाई की व्यवस्था को सुचारू बनाया जाएगा।

राजीव कुमार अपर अनुमंडल पदाधिकारी


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