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घर की छत पर की बागबानी, फल रहा अनार

शेखपुरा। जीवन के 72 वसंत गुजार चुकीं सविता देवी अपने जमाने की पांचवीं पास महिला हैं। मगर इनका रचनात्मक सोच आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 11:31 PM (IST)
घर की छत पर की बागबानी, फल रहा अनार
घर की छत पर की बागबानी, फल रहा अनार

शेखपुरा। जीवन के 72 वसंत गुजार चुकीं सविता देवी अपने जमाने की पांचवीं पास महिला हैं। मगर, इनका रचनात्मक सोच आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। शहर के महादेव नगर में पहाड़ की तलहट्टी में एक पुराना घर है। इन्होंने घर की छत को ही बाग में बदल दिया है। 20 गुना 45 फिट की पक्की छत पर सविता फल, फूल, सब्जी तथा औषधीय पौधों की बागवानी कर रही हैं। इनकी छत पर अनार और अमरूद, पपीता से लेकर शिमला मिर्च, मूली से लेकर गोभी, पालक, हल्दी, जमाइन, एलोवेरा, कद्दू, टमाटर व खीरा फल रहा है। वह बताती हैं पिछले सर्दी के मौसम में घर की छत पर 42 गोभी के फूल हुए। धनिया, पालक, मिर्च व टमाटर भी खूब फले। घर की छत पर उगे सब्जी और फल रिश्तेदारों को भी भेंट स्वरूप भेजा।

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यूट्यूब से सीख कर शुरू किया काम : सविता बताती हैं यह काम दो साल पहले शुरू किया था। स्मार्ट मोबाइल फोन पर भजन-कीर्तन और सत्संग सुनने के दौरान एक दिन उनकी आंखों के सामने घरेलू बागवानी का एक वीडियो यूट्यूब पर आया। यही वीडियो देखकर सविता ने इस कार्य को शुरू किया। सुबह घर से बाहर घूमने के दौरान खेतों से थोड़ी-थोड़ी मिट्टी लाकर घर में जमा किया और उसे टूटे बर्तनों और बोरियों में रखकर सब्जी, फल व फूल के बीज डाल दिये। शुरू में कुछ बीजों के अंकुर निकले और कुछ खराब हो गये, मगर सविता अपने काम पर डटी रहीं। अंत में इनका प्रयास सफल हुआ।

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गुड़ व गोबर की खाद का करते हैं इस्तेमाल

घर की छत पर लहलहा रही बागवानी में सविता रासायनिक खाद या किसी तरह के किटनाशनक का उपयोग नहीं करती हैं। इसमें शुद्ध रूप से अपने घर में तैयार किया जैविक खाद डालती हैं। उन्होंने बताया कि गोबर के साथ चने का बेसन और गुड़ को कुछ दिनों तक किसी बर्तन में सड़ा देती हैं और इसी को पौधों की जड़ों के आसपास देकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ पौधों को पोषण प्रदान करती है। जिले में इस तरह की सरकारी योजना संभाल रहे कोई अधिकारी ने सविता के इस अनूठी बागवानी की तरफ नजर नहीं दिया है।


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