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घर-घर जले समृद्धि के दीये, खूब हुई आतिशबाजी

शेखपुरा। शनिवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ दीपावली का त्योहार मनाया गया। इसको लेकर शहर से लेकर सुदूर गांव तक सुबह से ही चहल-पहल रही। दीपावली पर लोगों ने घरों को सजाया तथा समृद्धि के दीये जलाये। लोगों के लक्ष्मी पूजा किया तथा आतिशबाजी भी की। शनिवार को दिन भर घरों तथा दुकानों की सजावट करने के बाद शाम होते ही लोगों ने दीये जलाने शुरू कर दिया। दीयों की रोशनी से गांव हो शहर नजारा ही अद्भुत हो गया। दीपावली को लेकर बच्चों तथा किशोरों के साथ महिलाओं में अधिक उत्साह दिखा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 05:23 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 05:23 PM (IST)
घर-घर जले समृद्धि के दीये, खूब हुई आतिशबाजी
घर-घर जले समृद्धि के दीये, खूब हुई आतिशबाजी

शेखपुरा। शनिवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ दीपावली का त्योहार मनाया गया। इसको लेकर शहर से लेकर सुदूर गांव तक सुबह से ही चहल-पहल रही। दीपावली पर लोगों ने घरों को सजाया तथा समृद्धि के दीये जलाये। लोगों के लक्ष्मी पूजा किया तथा आतिशबाजी भी की। शनिवार को दिन भर घरों तथा दुकानों की सजावट करने के बाद शाम होते ही लोगों ने दीये जलाने शुरू कर दिया। दीयों की रोशनी से गांव हो शहर नजारा ही अद्भुत हो गया। दीपावली को लेकर बच्चों तथा किशोरों के साथ महिलाओं में अधिक उत्साह दिखा।

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किशोरियों ने घरों में आकर्षक रंगोली बनाई तथा उसे दीपों से सजाया। इस बार की दीपावली में भोकल फॉर लोकल का भी असर रहा। लोगों ने बिजली के बल्बों की अपेक्षा मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दी। अधिकांश घरों में लोगों ने पीएम मोदी के आह्वान पर देश के वीर जवानों के नाम पर भी दीये जलाए। दीपावली को लेकर शेखपुरा शहरी क्षेत्र के साथ आस-पास के कई गांवों में भी लक्ष्मी जी तथा काली जी की प्रतिमा स्थापित की गई है। हालांकि, इस बार की लक्ष्मी-काली पूजा पर कोरोना प्रोटोकॉल का असर भी साफ दिख रहा है। लोगों ने औपचारिता का पालन करते हुए प्रतिमा स्थापित की है। हालांकि, पटाखे नहीं जलाने की अपील का कोई असर लोगों पर नहीं दिखा। लोग दिवाली की देर रात तक आतिशबाजी करते रहे।

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लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर

दीपावली की रात जहां घरों में दीये जलाए जाते हैं वही दीपावली की अहले सुबह में महिलाओं के द्वारा घरों में लक्ष्मी माता को आमंत्रित करते हुए दरिद्र को बाहर किया जाता है। इसको लेकर घरों में महिलाओं के द्वारा सूप बजाते हुए सभी के जागने से पहले घरों के सभी कमरे में सूप बजाया जाता है। लक्ष्मी घर, दरिद्र बाहर कहते हुए परंपरागत नियम को अपनाया जाता है। ग्रामीण महिलाओं के द्वारा इस तरह का कार्य परंपरागत रूप से वर्षों से किया जा रहा है। मान्यता के अनुसार से माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में आती हैं और घर से दरिद्रता दूर होती है।

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काली प्रतिमा स्थापित

शेखपुरा जिले के गवय गांव में आठ दशक से अधिक समय से माता काली की प्रतिमा दीपावली में स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है । इस साल भी माता काली की प्रतिमा स्थापित कर भक्तों के द्वारा दीपावली के दिन भव्य रूप से पूजा-अर्चना की गई। इस पूजा-अर्चना में में आसपास के कई गांव के लोग जुटे और माता काली की पूजा कर अपने और अपने परिजनों के सुख समृद्धि की कामना की। इसी तरह कैथवां एवं करकी गांव में भी माता काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। शेखपुरा शहर के जमालपुर, लोदीपुर गांव सहित अन्य जगहों पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई।


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