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हरोहर नदी में मछली मारने का विवाद ले रहा ¨हसक रूप

शेखपुरा। जिले के टाल क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली हरोहर नदी अब दो जातियों के बीच ¨हसक संघर्ष क

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:21 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:21 PM (IST)
हरोहर नदी में मछली मारने का विवाद ले रहा ¨हसक रूप

शेखपुरा। जिले के टाल क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली हरोहर नदी अब दो जातियों के बीच ¨हसक संघर्ष का कारण बनती रही है। इसको लेकर क्षेत्र के मल्लाह और धानुक समाज के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है। यह विवाद हरोहर नदी में मछली मारने को लेकर पैदा हुआ है। क्षेत्र के मल्लाह जाति के लोग हरोहर नदी से मछली मारने को अपना एकाधिकार बताते हैं जबकि धानुक समाज के लोग नदी को सार्वजनिक स्थल मानकर खुद भी मछली मारना चाहते हैं। इस मामले को लेकर टाल क्षेत्र के सुजावलपुरा गांव में पिछले तीन दिनों से धानुक और मल्लाह समाज के लोगों के बीच विवाद है। इसको लेकर रविवार को कथित रूप से दोनों पक्षों के बीच मारपीट की घटना भी हुई है। सोमवार को सुजावलपुर गांव के मल्लाह समाज के लोग बड़ी संख्या में शेखपुरा कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और प्रदर्शन किया। इस बाबत लोगों ने बताया कि धानुक समाज के कुछ लोग इस मामले को जानबूझकर ¨हसक रूप देने के फिराक में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरे पक्ष के लोगों का कहना है कि सरकार ने नदी को बंदोबस्ती से मुक्त रखा है। इस वजह से नदी में कोई भी व्यक्ति या समूह-जाति के लोग मछली मार सकते हैं।

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कहते हैं मत्स्य पदाधिकारी :

मत्स्य पदाधिकारी शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि मछली मारने के लिए किसी को नदी की बंदोबस्ती नहीं दी जाती है। मगर सरकार की यह शर्त है कि नदी किनारे अगर मल्लाह समाज के लोग बसे हैं तो मछली मारने का पहला अधिकार उन्हें ही है। कएहा कि उन्हें अब तक सुजावलपुर की इस घटना की कोई जानकारी नहीं है।


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