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सरकारी अस्पताल में मरीज को प्रलोभन देता दलाल धराया

बरबीघा रेफरल अस्पताल से सोमवार की संध्या बिहारशरीफ स्थित एक निजी नर्सिंग होम के दलाल को गार्ड ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। हलांकि पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई जा सकी। दलाल युवक आशा को कमीशन देकर अस्पताल से मरीज ले जाने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में आशा कर्मी की संलिप्ता भी सामने आई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 06:36 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में मरीज को प्रलोभन देता दलाल धराया
सरकारी अस्पताल में मरीज को प्रलोभन देता दलाल धराया

बरबीघा:

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बरबीघा रेफरल अस्पताल से सोमवार की संध्या बिहारशरीफ स्थित एक निजी नर्सिंग होम के दलाल को गार्ड ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया। हलांकि पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई जा सकी। दलाल युवक आशा को कमीशन देकर अस्पताल से मरीज ले जाने का प्रयास कर रहे थे। इस मामले में आशा कर्मी की संलिप्ता भी सामने आई है।

चिकित्सा प्रभारी डॉ फैजल अरशद ने बताया कि प्रशांत कुमार नाम के एक व्यक्ति को रेफरल अस्पताल से गार्ड के सहयोग से धर दबोचा गया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। युवक सरकारी अस्पताल में कार्यरत सभी आशा कर्मचारी, मरीज और नर्स को एक पर्चा दे रहा था जिस पर बिहारशरीफ स्थित दीनदयाल नर्सिंग होम का जिक्र था। पकड़ा गया व्यक्ति इस अस्पताल का प्रचार करने आया था जिसमें आशा को कमीशन देकर अपने नर्सिंग होम में इस अस्पताल में आए मरीजों को भेजने का लालच दे रहा था। गार्ड ने जब इस दलाल को देखा तो उससे कुछ शक हुआ और तुरंत इसकी जानकारी चिकित्सक प्रभारी को दी गई और अस्पताल पदाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस को इस बात की जानकारी दी और उस दलाल को पुलिस के हवाले कर दिया।

मिली जानकारी में बताया गया कि अस्पताल में कार्यरत आशा कर्मी दलालों के प्रलोभन में आकर मरीजों को उनके अस्पताल में भेजने का काम करती है। वहीं पकड़े गए दलालों के विरूद्ध कोई लिखित शिकायत पुलिस को अस्पताल विभाग के द्वारा नहीं किया गया जिससे पुलिस में पेशोपेश में पड़ गई। दलालों के डायरी में मौजूद था आशा कर्मचारी का मोबाइल नंबर और नाम

दलालों से मिले डायरी में आशा कार्यकर्ताओं का मोबाइल नंबर और नाम पता लिखा हुआ था। इस संबंध में गिरफ्तार दलाल ने बताया कि इन लोगों का नंबर मुझे मेरे डॉक्टर ने लिख कर दिया था और इन लोगों से संपर्क करने को कहा था। इस संबंध में आशा कर्मचारियों ने बताया कि हम लोग अस्पताल में मौजूद थे। दो लड़के आए और हम लोगों का नाम और मोबाइल नंबर लिखने लगे। हम लोगों का कोई संबंध उस अस्पताल से नहीं है।


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