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बैड टच और गुड टच का अंतर जानेंगी सरकारी स्कूलों की छात्राएं

जागरण संवाददाता शेखपुरा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 11:41 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 11:41 PM (IST)
बैड टच और गुड टच का अंतर जानेंगी सरकारी स्कूलों की छात्राएं
बैड टच और गुड टच का अंतर जानेंगी सरकारी स्कूलों की छात्राएं

जागरण संवाददाता, शेखपुरा :

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सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों को स्वास्थ्य और सामाजिक आवो-हवा से अवगत कराया जाएगा। इसमें खासकर छात्राओं को बढ़ती उम्र के साथ उनमें होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव के बारे में जागरूक करने के साथ उन्हे बैड टच और गुड टच का अंतर भी बताया जाएगा, ताकि वे स्वयं को जागरूक और सावधान कर सकें। इसके लिए सरकारी स्कूलों में विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। गर्मी की छुट्टी के बाद मिडिल तथा हाई स्कूलों में इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए मिडिल और हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ है। यही प्रशिक्षित प्रधानाध्यापक अपने स्कूल के दो शिक्षकों को इस बात का प्रशिक्षण देंगे, जिसमें एक महिला शिक्षक को शामिल करने पर •ाोर है। स्कूलों के ये शिक्षक स्वास्थ्य दूत कहलाएंगे। मास्टर ट्रेनर प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण देने लिए मास्टर ट्रेनरों की सेवा ली जा रही है। शेखपुरा के इस्लामियां प्लस-2 स्कूल में शनिवार को प्रशिक्षण समाप्त हो गया। क्या है यह कार्यक्रम---

केंद्र सरकार की पहल पर आयुष्मान भारत योजना के तहत विद्यालय स्वास्थ्य कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है। मास्टर ट्रेनर प्रियांशु विद्या और सुधीर कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 6 से 12 कक्षा तक के विद्यार्थियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए शुरू हुआ है। इन कक्षाओं में पढ़ने वाली आयु में छात्र-और छात्राओं के शारीरिक विकास में कई महत्वपूर्ण विकास शुरू होते हैं। इन शारीरिक विकास का असर इन आयु के किशोरों की मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। लड़कियों में कई तरह के शारीरिक बदलाव के साथ मासिक धर्म की शुरुआत होती है। लड़कों में दाढ़ी-मूंछ के उगने के साथ और भी कई बदलाव होते हैं। इस बदलाव की अवस्था में छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से ²ढ़ बनाने के लिए उन्हें पहले से इसकी जानकारी देना जरूरी है। मासिक धर्म शुरू होने पर लड़कियों को साफ-सफाई के साथ सैनेटेरी पैड के इस्तेमाल के बारे में भी जागरूक किया जाना है। बड़ी हो रही लड़कियों को लोग किस मानसिकता से टच करते (छूते) हैं, उन्हें इसकी जानकारी दी जाएगी कि गुड टच क्या होता है और बैड टच क्या होता है।


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