उम्र और शारीरिक अक्षमता पर भारी पड़ा मतदान का जोश
शिवहर। जज्बा हो तो उम्र या शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आ सकती। रविवार को इसी जज्बे को दिखाया बुजुर्ग और निशक्त मतदाताओं ने। उम्र और शारीरिक अक्षमता भी उन्हें वोट डालने से नहीं रोक सकी।
शिवहर। जज्बा हो तो उम्र या शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आ सकती। रविवार को इसी जज्बे को दिखाया बुजुर्ग और निशक्त मतदाताओं ने। उम्र और शारीरिक अक्षमता भी उन्हें वोट डालने से नहीं रोक सकी। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के कई बूथों पर ऐसे मतदाताओं को उत्साह के साथ मतदान करते देखा गया। मतदान करने के बाद इनके चेहरे पर उभरने वाले भाव पहली बार मतदान करने वाले नए वोटरों से कतई कम नहीं थे। रविवार को बूथ संख्या 213 पर मतदान करने पहुंचे 82 वर्षीय राजमंगल सिंह बोले कि भले ही उनका अंतिम मतदान हो। लेकिन लोकतंत्र की जय जय है। मौके पर तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें सहयोग देकर मतदान कराया। बूथ संख्या 218 पर अपने पोते के सहारे मतदान करने पहुंचीं 95 वर्षीया राजकली देवी ने कहा कि चुनाव में मतदान करना भी तो देश सेवा है, जब तक शरीर में जान है तब तक मतदान करती रहूंगी। इसी बूथ पर वोट डालने के लिए दिव्यांग दपंती बिगन पासवान एवं रिकी देवी ने कहा कि सरकार के गठन में हमारे एक-एक मत की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राजकीय मध्य विद्यालय पिपराही बूथ संख्या 96 पर वोट डालने पहुंचे जिला आइकान आवृत्ति कुमारी के पिता बबन तिवारी(71) एवं मां बिदा देवी(65) के चेहरे पर मतदान की खुशी साफ झलक रही थी। तरियानी छपरा के बूथ संख्या 225 पर वोट डालने पहुंची राजकली देवी, जैलस देवी, शिवकली देवी आदि ने कहा कि जिसने हमारे अधिकारों की रक्षा की है, उसके लिए वोट किया है। मोतनाजे के बूथ संख्या 167 पर दिव्यांग अवधेश पासवान ने व्हीलचेयर के सहारे बूथ तक पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। तरियानी के सरवपुर में अपनी पोती सीमा कुमारी के साथ मतदान करने जा रही 95 वर्षीया लालवती देवी ने कहा कि अब तक हर चुनाव में वोट देती रही हूं।