कांवरियों का जत्था अरेराज रवाना
तरियानी मेंअरेराज स्थित बाबा सोमेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने को लेकर नवयुवक कांवरिया संघ माधोपुर छाता के तत्वावधान में बुधवार को कांवरियों का जत्था रवाना हुआ।
शिवहर। तरियानी मेंअरेराज स्थित बाबा सोमेश्वरनाथ का जलाभिषेक करने को लेकर नवयुवक कांवरिया संघ माधोपुर छाता के तत्वावधान में बुधवार को कांवरियों का जत्था रवाना हुआ। कड़ी सुरक्षा बीच कतारबद्ध कांवरियों का जत्था ट्रैक्टर पर सुसज्जित आकर्षक मड़वा में संकीर्तन करते सुबह 7 बजे गंतव्य के लिए प्रस्थान किया। रेवासी, हिरम्मा, कादरी टोला होते हुए हिरौता दुम्मा पूर्व मुखिया इन्द्रजीत साह के दरवाजे पहुंचा। जहां भंडारे में श्रद्धालुओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान जहां बोल बम एवं हर हर महादेव के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। वहीं इस आकर्षक झांकी दर्शन के लिए सड़क किनारे लोगों की भीड़ दिखी। इस दौरान आपसी प्रेम, भाईचारा एवं सौहार्द का नजारा भी देखने को मिला। कांवरियों की सुरक्षित यात्रा को लेकर जिला पदाधिकारी अरशद अजीज एवं पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के संयुक्त निर्देशन में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस बल, चौकीदार, दफादार सहित विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी कांवरियों को गंतव्य की ओर बढ़ाते देखा गया। एसडीओ मो. आफाक अहमद, एसडीपीओ राकेश कुमार, बीडीओ राकेश कुमार ¨सह, तरियानी थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक गोरख राम सुरक्षा व्यवस्था में मौजूद रहे। वहीं रामधुन करते मड़वा के पीछे सीओ राम कुमार पासवान, हिरम्मा थानाध्यक्ष राकेश कुमार, तरियानी छपरा थानाध्यक्ष देव कुमार तिवारी, पुअनि रामाशंकर साह सक्रिय देखे गए। सुरक्षित कांवर यात्रा के लिए 12 केंद्र बनाए गए थे, जहां पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी की तैनाती गई थी। वहीं दोनों समुदाय के लोग शांति व्यवस्था बहाल रखने में तत्पर देखे गए। समाजसेवी जगदीश राय, मुखिया प्रतिनिधि राजीव कुमार ¨सह उर्फ ¨मकू ¨सह, दुम्मा मुखिया रंजीत कुमार, पो¨झया मुखिया इफ्तेखार खां उर्फ गोरे, जदयू जिलाध्यक्ष रामएकबाल राय क्रांति, जगत राय, सत्यदेव कुमार सहित विधि व्यवस्था एवं शांति बनाए रखने में प्रशासन की मदद करते देखे गए। नवयुवक कांवरिया संघ के अभिषेक कुमार, श्रीराम राय, अनिल कुमार, श्रवण कुमार ने बताया कि आज करीब 250 कांवरिए एवं-साथ कीर्तन मंडली के 40 सदस्य अरेराज को प्रस्थान किए हैं। इस दौरान माधोपुर छाता से झंडा बाजार तक का पूरा इलाका मानों छावनी में तब्दील रहा।