मोहनपुर गांव में समस्याओं का नहीं है अंत
शिवहर। सरकारी स्तर पर तमाम कोशिशों के बाद भी गांवों में समस्याएं कम नहीं हुई हैं। वहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखता है।
शिवहर। सरकारी स्तर पर तमाम कोशिशों के बाद भी गांवों में समस्याएं कम नहीं हुई हैं। वहां आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखता है। जिले के पूर्वोत्तर सीमा पर स्थित मोहनपुर गांव भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। गांव की पाती अभियान के तहत पहुंची जागरण टीम को ग्रामीणों ने बताया कि नाली की समुचित व्यवस्था नहीं होने से सड़कों पर जल जमाव की समस्या आम है। नतीजतन संक्रामक रोगों का फैलाव होता है। लो वोल्टेज से परेशान बिजली उपभोक्ता कहते हैं कि लाइन लेना और न लेना बराबर है। अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की मांग को लेकर विभाग गंभीर नहीं है। चिकित्सा को लेकर यहां के वासी भगवान भरोसे हैं कहने को एक उप स्वास्थ्य केंद्र है जो निजी दरवाजे पर संचालित है। जहां दवा एवं डॉक्टर की कमी रहती है। एक अहम समस्या वार्ड नंबर 6 की है जहां सबसे अधिक आबादी होने के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना नहीं हुई है। जबकि उक्त वार्ड में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों की संख्या अधिक है। इस तरह से सरकारी योजनाओं का लाभ भी जरुरतमंदों तक नहीं पहुंच रही।
किसानों को सुलभ सिचाई के लिए दो नलकूप हैं जो बेकार पड़े हैं। मजबूरन किसानों को डीजल पंपसेट से महंगी सिचाई करनी पड़ती है। - ग्रामीणों की प्रतिक्रियाएं त्रिभुवन झा बताते हैं कि मोहनपुर गांव आज भी विकास के मामले में पिछड़ा है। यहां पहुंचने को यातायात की समुचित व्यवस्था नहीं है। अगर कोई बीमार हो जाए तो सीतामढ़ी इलाज के लिए ले जाना भी कम दुष्कर नहीं है। वार्ड संख्या छह में आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ नहीं मिल रहा। लो वोल्टेज की समस्या से जूझते लोग शिवहर फीडर से विद्युत आपूर्ति की मांग कर रहे हैं जिसे अनसुना किया जा रहा है। मोहनपुर- सीतामढ़ी पथ में पुल का निर्माण कराया गया है।
एप्रोच पथ में मानक की अनदेखी से सड़क जर्जर हो चुकी है लोग खतरों से जूझते सड़क पार करने को विवश हैं। उपमुखिया मुकेश राम बताते हैं कि गांव में इलाज की व्यवस्था सबसे पहली जरूरत है। इसके अभाव में कितनों की जान चली जाती है वहीं कितने लोग महंगे इलाज के फेर में आर्थिक रुप से कमजोर हो रहे हैं। यहां एक बेहतर अस्पताल होने से आसपास के गांवों का भी इलाज हो सकेगा। वहीं महादलित टोले में जलजमाव की समस्या का निदान होना बेहद जरूरी है। चुल्हाई प्रसाद यादव बताते हैं कि गांव के किसानों को सहज एवं सस्ती सिचाई के लिए बंद नलकूपों को चालू कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही और भी नए नलकूप लगाएं जाएं ताकि किसानों को महंगी सिचाई सुविधा मिल सके। उमेश यादव बताते हैं कि सरकार हर घर नल का जल और बिजली पहुंचाने का दावा करती है कितु यहां दोनों ही सुविधाओं का अभाव है। अबाध बिजली के लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर एवं शिवहर फीडर से विद्युत आपूर्ति किया जाना जरूरी है।