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नबाव हाईस्कूल परिसर बन गया है मीटिग प्लेस

शिवहर। जिला मुख्यालय ख्याति प्राप्त नबाव हाईस्कूल मानों मीटिग प्लेस बनकर रह गया है। जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित होते ही रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 12:21 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 06:17 AM (IST)
नबाव हाईस्कूल परिसर बन गया है मीटिग प्लेस
नबाव हाईस्कूल परिसर बन गया है मीटिग प्लेस

शिवहर। जिला मुख्यालय ख्याति प्राप्त नबाव हाईस्कूल मानों मीटिग प्लेस बनकर रह गया है। जहां आए दिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित होते ही रहते हैं। चाहे वह किसी विभाग की बैठक हो या कार्यशाला या फिर खेल प्रतियोगिता। मैट्रिक इंटर नवोदय सहित अन्य परीक्षाओं के आयोजन भी अमूमन यहीं होते हैं। चुनाव के दिनों में हफ्तों विद्यालय में गाड़ियों का जमावड़ा देख सकते हैं। इसकी वजह शायद विद्यालय परिसर का बड़ा सा खेल मैदान और दर्जनों कमरों की बड़ी सी बिल्डिग हो सकती है। लेकिन उक्त विद्यालय का उपयोग करने से पहले उसमें पढ़ाई करने वाले करीब डेढ़ हजार से अधिक छात्र/ छात्राओं के बारे में भी सोचने की जरूरत है। अध्ययनरत बच्चे भले ही शिक्षक या जिला प्रशासन से अपनी बात नहीं कह पाते हैं लेकिन बहुसंख्य विद्यार्थियों ने बताया कि जब विद्यालय के एक भाग में बैठक चल रही हो या भाषण चल रहा हो, मैदान में क्रिकेट का खेल चल रहा हो तो पढ़ाई क्या खाक होगी। स्वीकार किया कि शरीर क्लास में होता है पर मनोमस्तिष्क तो कहीं और होता है। आजादी के पूर्व 1934 में स्थापित नबाव हाई स्कूल अब उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उत्क्रमित हो गया है। इतना ही नहीं उक्त विद्यालय अब मॉडल हाई स्कूल का दर्जा हासिल कर चुका है लेकिन विद्यालय की कोई निजता नहीं है। कहने का आशय है कि उक्त विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के लिए अपेक्षित शांति दुर्लभ है। वहां खेल के मैदान में साइकिल एवं बाइक सीखने वाले या फिर बल्ला भांजते क्रिकेट खिलाड़ी भी मिल सकते हैं। इतना ही नहीं कभी लाउडस्पीकर तो कभी बिना लाउडस्पीकर की बैठकें होना आम बात है। परिसर में संचालित हैं आधा दर्जन संस्थान नबाव हाई स्कूल के अहाता में स्थित छात्रावास में वर्षों से संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय स्वयं के भवन में शिफ्ट कर गया है। वहां वर्तमान में शिवहर डिग्री कॉलेज संचालित है। इसके अलावा श्रम प्रशिक्षण नियोजन कार्यालय, शारीरिक शिक्षा उपाधीक्षक कार्यालय, जिला कंप्यूटर सोसायटी, कल्याण छात्रावास एवं नवसृजित प्राथमिक शिक्षक गणेशपुर भी हाई स्कूल की परिसंपत्ति में ही संचालित है। जहां इतने सारे संस्थान और कार्यालय होंगे वहां सैकड़ों लोगों की आवाजाही एवं शोरोगुल होना आश्चर्य की बात नहीं है। हां आश्चर्यजनक बात यह है कि इस परिवेश में मॉडल स्कूल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। बच्चे कितना ले पा रहे हैं यह विचारणीय है।

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बात यहीं खत्म नहीं हो जाती विद्यालय का गेट अल्सुबह ही खुलता है क्योंकि मॉर्निंग वॉक के लिए भी शहर में यह इकलौती जगह है। तब से लोगों की आमोदरफ्त शाम तक बनी रहती है। ऐसे में विद्यालयी बच्चों का शिक्षा ग्रहण कर पाना किसी मजाक से कम नहीं है। विद्यालय में पढ़ाई के दौरान शांत वातावरण का होना आवश्यक है जो यहां संभव नहीं हो पा रहा। क्योंकि विद्यालय के अलावा भी अन्य गतिविधियां यहां संचालित होती रहती हैं। वहीं सुबह शाम आनेवाले लोगों द्वारा विद्यालय की परिसंपत्ति पेड़ पौधे, फूल पत्तियां भी सुरक्षित नहीं है। इस दिशा में गंभीरता से विचारण की आवश्यकता है। राजीव नयन सिंह

प्राचार्य, नबाव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शिवहर इस सत्य को स्वीकारना होगा कि विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण बनाने के लिए आसपास शांति का होना आवश्यक है। हलचल या फिर शोर शराबा होने से एकाग्रता भंग होती है। इसे हमने भी महसूस किया है। इसीलिए अब वहां परीक्षा केंद्र बनाने से परहेज करते हुए अन्य विद्यालयों को केंद्र के रूप में उपयोग किया जा रहा है। चुंकि यहां बड़े परिसर का अभाव है इसलिए एक मात्र विकल्प यही बचता है। चुनाव कार्य के लिए परिसर का उपयोग तो नहीं रोका जा सकता। हां, इस बात पर विचार करना जरूरी है विद्यालय परिसर का उपयोग अन्य आयोजनों के लिए नहीं हो तो बेहतर है। कपिलदेव तिवारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी, शिवहर।


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