बच्चों की दी गई अधिकार और कर्तव्य की जानकारी
विभागीय निर्देश के आलोक में प्रखंड क्षेत्र के फुलकाहां में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया।
शिवहर। विभागीय निर्देश के आलोक में प्रखंड क्षेत्र के फुलकाहां में जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान इकाई की सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता कुमारी ने
बच्चों को उनके अधिकार एवं कर्तव्य की जानकारी दी। वहीं उनके अभिभावकों को भी दायित्व के प्रति जागरूक किया। कहा कि बच्चों को माता- पिता का प्यार एवं सामाजिक संरक्षण पाने का अधिकार है। उन्हें समय पर पढ़ाई एवं खेल के साथ नैतिक मूल्यों से अवगत कराना परिजन एवं समाज की जिम्मेदारी है।
सरकार ने 06 से 14 वर्ष आयु वर्ग के प्रत्येक बच्चे को कक्षा 8 तक की शिक्षा मुफ्त में देने का विधान रखा है। अब अभिभावकों का यह कर्तव्य है कि इस योजना का लाभ लेते हुए अपने बच्चों को शिक्षित करें ताकि उसका सर्वांगीण विकास संभव हो सके। इसके लिए स्कूलों में नामांकन कराने एवं जो नामांकित नहीं हैं उन्हें प्रेरित करने का काम गांव मुहल्ले के जिम्मेदार लोगों का है। जानकारी दी गई कि संविधान के मुताबिक अपने यहां जाति, धर्म अथवा लिग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकते। होना भी नहीं चाहिए। यही तो समानता का अधिकार कहलाता है।
आउटरीच वर्कर सुधीर कुमार ने बताया कि सभी बच्चों को अपने मनोभाव को प्रकट करने का भी अधिकार है इसे अभिव्यक्ति का अधिकार है। मौके पर बाल-श्रम , बाल विवाह की चर्चा की गई। बताया गया यह किस तरह क़ानून के ²ष्टिकोण से अव्यवहारिक एवं असंवैधानिक है। वहीं इसके लिए सजा का भी प्रावधान है। सरकार द्वारा संचालित परवरिश एवं स्पांसरशिप योजना की भी जानकारी दी गई। जिस परिवार के कमाऊ सदस्य की किसी वजह से अगर मौत हो गई है। ऐसी परिस्थिति में उक्त योजना के तहत बच्चे के अठारह साल उम्र होने तक एक निश्चित राशि प्रतिमाह सहायता के रुप में दी जा रही है मौके पर आशिक कुमार, शांतनु कुमार, राजा कुमार, शिवानी, सिमरन, ओम कुमार, राखी, मुस्कान एवं शिवांगी सहित बच्चे एवं ग्रामीण मौजूद थे।